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दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के रुझान बीजेपी के लिए बेहद निराशाजनक नजर आ रहे हैं. ऐसे में ये सवाल उठने लगे हैं क्या बीजेपी को उसके नेताओं के नफरत भरे बयान की कीमत चुकानी पड़ रही है. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी नेताओं ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. दिल्ली में बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा से लेकर अनुराग ठाकुर और गृह मंत्री अमित शाह तक ने विवादास्पद बयान दिए थे. लोगों का कहना है कि वोटरों को यह रास नहीं आया.
प्रवेश वर्मा ने कहा था कि अगर 11 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है तो वह एक घंटे में शाहीन बाग को खाली करा देंगे. प्रवेश वर्मा इतने ही पर नहीं रुके, उन्होंने ये भी कह डाला- 'जागो नहीं तो शाहीन बाग वाले रेप करेंगे’
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर दिल्ली के रिठाला में बीजेपी उम्मीदवार मनीष चौधरी के चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे. वहां उन्होंने मंच से कह दिया-
‘देश के गद्दारों को...’ जिसके बाद सामने मौजूद बीजेपी समर्थकों ने इस नारे को पूरा करते हुए कहा- ‘गोली मारो सा*** को’ कहा.
दिल्ली के बाबरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था, "EVM का बटन इतने गुस्से में दबाना कि करंट शाहीन बाग के अंदर लगे." अमित शाह ने कहा था
इन बयानों के बाद कहा गया कि बीजेपी के नेताओं ने इस तरह की बयानबाजी जानबूझ कर की है ताकि ध्रुवीकरण का लाभ पार्टी को मिल सके. लेकिन नतीजों के रुझान से लगता है कि विवादास्पद बयान बीजेपी को फायदा दिलाने में नाकाम रहे.
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