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योगी आदित्यनाथ और राजीव कुमार को चुनाव आयोग ने दी नसीहत

चुनाव आयोग की सीएम योगी और राजीव कुमार को नसीहत

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चुनाव
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चुनाव आयोग की सीएम योगी और राजीव कुमार को नसीहत
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चुनाव आयोग की सीएम योगी और राजीव कुमार को नसीहत
(फोटो: Altered by Quint Hindi)

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'मोदीजी की सेना' वाले बयान के लिए चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नसीहत दी है. आयोग ने उनसे भविष्य में सावधान रहने को कहा है. इसके अलावा चुनाव आयोग ने कांग्रेस के न्यूनतम आय योजना (NYAY) के वादे पर नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार के बयान को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है. आयोग ने कुमार को भी सावधानी बरतने की नसीहत दी है.

क्या था योगी आदित्यनाथ का बयान?

योगी आदित्यनाथ ने 31 मार्च को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक रैली के दौरान कहा था, ''कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते थे और मोदीजी की सेना आतंकवादियों को गोली और गोला देती है.''

सीएम योगी के बयान पर चुनाव आयोग ने बुधवार को उन्हें नोटिस जारी किया था और इस मामले पर जवाब मांगा था. योगी आदित्यनाथ ने अपने जवाब में कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा क्योंकि सैन्य बलों के सुप्रीम कमांडर (राष्ट्रपति) प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली सरकार की सलाह पर ही कदम उठाते हैं.

चुनाव आयोग को योगी आदित्यनाथ का यह जवाब संतोषजनक नहीं लगा. आयोग का मानना है कि योगी के बयान ने उन निर्देशों का उल्लंघन किया है, जिनमें राजनीतिक बयानबाजी से सैन्य बलों को दूर रखने के लिए कहा गया है.

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क्या था राजीव कुमार का बयान?

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा था, ''राहुल गांधी के पांच करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने के वादे से राजकोषीय अनुशासन धराशायी हो जाएगा. इस योजना से काम ना करने वाले लोगों को भी बढ़ावा मिलेगा.'

चुनाव आयोग ने कुमार के इस बयान के लिए उनसे जवाब मांगा था. अपने जवाब में कुमार ने चुनाव आयोग को बताया कि उन्होंने NYAY के खिलाफ नीति आयोग के वाइस चेयरमैन के तौर पर नहीं, बल्कि एक अर्थशास्त्री के तौर पर बयान दिया था. चुनाव आयोग उनके जवाब से सहमत नहीं हुआ और उसने राजीव कुमार को भविष्य में सावधान रहने की नसीहत दी है.

चुनाव आयोग का मानना है कि राजीव कुमार एक ब्यूरोक्रेट हैं, ऐसे में चुनाव से ठीक पहले उनका यह राजनीतिक बयान आचार संहिता का उल्लंघन है. चुनाव आयोग ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को ना सिर्फ अपने व्यवहार में निष्पक्ष होना चाहिए, बल्कि उनकी सार्वजनिक अभिव्यक्ति में भी यह बात झलकनी चाहिए.

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Published: 06 Apr 2019,08:11 AM IST

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