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लोकसभा चुनाव के दूसरे फेज की वोटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल में दो अलग-अलग हिंसा की घटनाएं सामने आईं हैं. पहली घटना पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर से सामने आई. यहां तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से रायगंज के सांसद और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता मोहम्मद सलीम की कार पर हमला किया.
इसी इलाके में सुरक्षाकर्मियों की ओर से भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागने और लाठी चार्ज की खबरें सामने आई हैं.
मोहम्मद सलीम बंगाल की रायगंज सीट पर इस बार भी वाम मोर्चा के प्रत्याशी हैं. सलीम ने आरोप लगाया कि वो इस्लामपुर स्थित एक मतदान केंद्र की तरफ जा रहे थे, 'जहां तृणमूल कांग्रेस के समर्थक वोटों की धांधली में लगे हुए थे.' उन्होंने आरोप लगाया कि रास्ते में उनके काफिले पर 'गुंडों' ने हमला किया.
हमले में सलीम की सफेद रंग की एसयूवी का शीशा टूट गया और उन्हें मामूली चोट आई. सलीम ने कहा-
उन्होंने राज्य पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "पुलिस तृणमूल के गुंडों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. तृणमूल की योजना उन केंद्रों पर कब्जा करने और वोटों में धांधली की है जहां सुरक्षाबल तैनात नहीं हैं. वो वैध मतदाताओं को रोक रहे हैं."
बंगाल में इसी संसदीय क्षेत्र से पुलिस के भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागने और लाठी चार्ज की खबरें सामने आई हैं. उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर के पास मतादाताओं ने नेशनल हाइवे-34 जाम कर दिया. मतदाताओं का दावा है कि अज्ञात बदमाशों ने उन्हें वोट नहीं डालने दिया. विरोध में उन्होंने हाइवे जाम किया. पुलिस ने उन्हें हाइवे से हटाने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े और बल प्रयोग कर खदेड़ दिया.
इस बीच, एक और घटना में, 22 साल के बीजेपी युवा मोर्चा के मेंबर शिशुपाल साहिस को अरशा (पुरुलिया) के सेनाबाना गांव में एक पेड़ से लटका पाया गया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के चोपरा में टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प से EVM के टूटने की भी खबर सामने आई है.
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Published: 18 Apr 2019,05:01 PM IST