Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चुनाव 2019: इन 10 सीटों पर जो जीता वही सिकंदर

चुनाव 2019: इन 10 सीटों पर जो जीता वही सिकंदर

समझिए क्यों बेहद दिलचस्प है बेलवेदर सीटों का केंद्र की सत्ता से कनेक्शन

अक्षय प्रताप सिंह
चुनाव
Updated:
यहां जीते तो दिल्ली का ताज, 10 लोकसभा सीटों की अजब-गजब कहानी
i
यहां जीते तो दिल्ली का ताज, 10 लोकसभा सीटों की अजब-गजब कहानी
(फोटोः The Quint)

advertisement

साल 1977 में भारत की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला. दरअसल, उस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद देश में पहली बार कांग्रेस केंद्र की सत्ता से बाहर हुई थी. उसी साल गुजरात की वलसाड (तब बलसर) लोकसभा सीट पर भारतीय राजनीति के एक चौंकाने वाले ट्रेंड की शुरुआत हुई थी. इस ट्रेंड के हिसाब से वलसाड सीट पर जो भी पार्टी जीतती है, वो पार्टी चुनाव के बाद केंद्र की सत्ता में भी होती है. चलिए इस ट्रेंड को और समझते हैं.

इस स्टोरी को सुनने के लिए नीचे क्लिक करें

1977 में बलसर सीट पर भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की थी. उस साल केंद्र में जनता पार्टी की जो सरकार बनी थी, भारतीय लोकदल भी उस सरकार में शामिल थी. अगले चुनाव यानी 1980 के चुनाव में इंदिरा गांधी की INC(I) ने यहां से जीत दर्ज की. उस साल केंद्र में इसी पार्टी की सरकार बनी. वलसाड सीट पर 1977 से शुरू हुआ ट्रेंड अब तक नहीं टूटा है. 

पश्चिमी दिल्ली सीट का भी चौंकाने वाला ट्रेंड

वलसाड सीट जैसा ट्रेंड पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से भी जुड़ा रहा है. पश्चिमी दिल्ली सीट साल 2008 में डिलिमिटेशन के तहत बनी थी. इस सीट को बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट और दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट के हिस्सों को मिलाकर बनाया गया था. बाहरी दिल्ली सीट जब तक अस्तित्व में थी, तब तक हर लोकसभा चुनाव में वहां से जीतने वाली पार्टी केंद्र सरकार में दिखी.

इसके बाद जब इस सीट के इलाकों का पश्चिमी दिल्ली सीट में विलय हो गया, तब भी पुराना ट्रेंड नहीं टूटा. मतलब पश्चिमी दिल्ली सीट पर हुए चुनावों (2009, 2014) में भी यहां से जीतने वाली पार्टी केंद्र सरकार में रही है.

वलसाड और पश्चिमी दिल्ली जैसी सीटों को बेलवेदर सीट कहा जाता है. अपने ट्रेंड को लेकर पिछले 11 लोकसभा चुनावों में इन सीटों का स्ट्राइक रेट 100 फीसदी रहा है.

90 फीसदी स्ट्राइक रेट वाली बेलवेदर सीटें

बेलवेदर ट्रेंड को 90 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ निभाने वाली सीटों की अच्छी खासी संख्या है. इनमें से हर सीट ऐसी है, जिस पर पिछले 11 लोकसभा चुनावों में जीतने वाली पार्टी 10 बार केंद्र की सत्ता में दिखी है. नीचे देखिए इन सीटों के नाम:

(फोटो: क्विंट हिंदी)

बेलवेदर ट्रेंड को लेकर इन 8 सीटों के 90 फीसदी स्ट्राइक रेट को फरीदाबाद सीट के उदाहरण से समझते हैं. इस सीट पर 1977 से अब तक हुए लोकसभा चुनावों में सिर्फ एक बार बेलवेदर ट्रेंड टूटा है और ऐसा 1989 के चुनाव में हुआ था. उस चुनाव में यहां कांग्रेस के भजन लाल की जीत हुई थी. लेकिन उस चुनाव के बाद केंद्र में जनता दल की अगुवाई वाली वीपी सिंह सरकार बनी थी.

फरीदाबाद सीट पर 1989 के चुनाव को छोड़कर 1977 से अब तक के सभी चुनावों में जीतने वाली पार्टी केंद्र सरकार का हिस्सा रही है. मतलब ये ट्रेंड 11 में से 10 बार बरकरार रहा है. इस तरह इस सीट के बेलवेदर ट्रेंड का स्ट्राइक रेट 90 फीसदी का है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

10 बेलवेदर सीटों के समीकरण

चलिए अब कुछ सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं. मसलन इस बार बेलवेदर सीटों पर क्या समीकरण हैं? इन सीटों पर कौन उम्मीदवार हैं? पिछले चुनाव में इन सीटों की क्या स्थिति थी?

वलसाड

लोकसभा चुनाव 2019 में यहां की लड़ाई मुख्य रूप से बीजेपी के केसी पटेल और कांग्रेस के जीतूभाई हरजीभाई चौधरी के बीच है. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर केसी पटेल ने कांग्रेस के किशनभाई पटेल को हराया था. उस चुनाव में केसी पटेल को 55% वोट मिले थे, जबकि किशनभाई पटेल को 36.48% वोट मिले थे.

पश्चिमी दिल्ली

इस बार यहां बीजेपी के प्रवेश वर्मा, आम आदमी पार्टी के बलवीर सिंह जाखड़ और कांग्रेस के महाबल मिश्रा के बीच मुकाबला है. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह को मात दी थी. तब प्रवेश वर्मा को 48.30 फीसदी वोट मिले थे, जबकि जरनैल सिंह को 28.38 फीसदी वोट मिले थे.

गुड़गांव

इस सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है. बीजेपी के इंद्रजीत सिंह राव, INLD के वीरेंद्र सिंह राणा और कांग्रेस के अजय सिंह यादव इस मुकाबले में आमने-सामने हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर इंद्रजीत सिंह राव ने INLD के जाकिर हुसैन को हराया था. उस चुनाव में इंद्रजीत को 48.82% वोट मिले थे, जबकि हुसैन को 28.02% वोट मिले थे.

फरीदाबाद

इस सीट पर बीजेपी के कृष्णपाल गुर्जर, कांग्रेस के अवतार सिंह और आम आदमी पार्टी के नवीन जयहिंद के बीच मुकाबला है. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कृष्णपाल ने कांग्रेस के अवतार सिंह को मात दी थी. उस चुनाव में कृष्णपाल को 57.70% वोट मिले थे, जबकि अवतार सिंह को 16.42% वोट हासिल हुए थे.

शहडोल

यहां बीजेपी की हिमाद्री सिंह और कांग्रेस की प्रमिला सिंह के बीच मुकाबला है. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के दलपत सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी राजेश नंदिनी सिंह को हराया था. दलपत सिंह को 54.22% वोट हासिल हुए थे, वहीं राजेश नंदिनी सिंह को 29.32% वोट मिले थे. दलपत सिंह के निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के ज्ञान सिंह को जीत हासिल हुई थी.

बीड

इस सीट पर बीजेपी की प्रीतम गोपीनाथ मुंडे और एनसीपी के बजरंग सोनावने के बीच मुकाबला है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां गोपीनाथ मुंडे ने एनसीपी के धास सुरेश रामचंद्र को हराया था. उस चुनाव में गोपीनाथ मुंडे को 51.61% वोट मिले थे, जबकि धास सुरेश रामचंद्र को 40.53% वोट मिले थे.

गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद बीड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम गोपीनाथ मुंडे ने करीब 7 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी.

चंडीगढ़

इस सीट पर बीजेपी की किरण खेर और कांग्रेस के पवन कुमार बंसल के बीच मुकाबला है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां किरण खेर ने पवन कुमार बंसल को मात दी थी. उस चुनाव में खेर को 42.20%, जबकि बंसल को 26.84% वोट मिले थे.

नॉर्थ वेस्ट दिल्ली

इस सीट की चुनावी लड़ाई बीजेपी के हंस राज हंस, कांग्रेस के राजेश लिलोठिया और आम आदमी पार्टी के गुगन सिंह के बीच है. 2014 के लोकसभा में यहां बीजेपी के टिकट पर उदित राज ने आम आदमी पार्टी की राखी बिड़ला को हराया था. उस चुनाव में बीजेपी को 46.44% वोट मिले थे, जबकि आम आदमी पार्टी को 38.56% वोट मिले थे.

रांची

इस सीट पर कांग्रेस के सुबोध कांत सहाय और बीजेपी के संजय सेठ के बीच लड़ाई है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी के राम तहल चौधरी ने सुबोध कांत सहाय को मात दी थी. उस चुनाव में जहां चौधरी को 42.74% वोट मिले थे, वहीं सहाय को 23.76% वोट मिले थे.

पलामू

इस सीट पर बीजेपी के विष्णु दयाल राम, आरजेडी के घूरन राम और सीपीआई(एम-एल) की सुषमा मेहता के बीच लड़ाई है. 2014 में यहां से विष्णु दयाल राम ने आरजेडी के मनोज कुमार को मात दी थी. उस चुनाव में यहां बीजेपी को 48.72%, जबकि आरजेडी को 21.73% वोट मिले थे.

ये भी देखें- चुनाव ट्रैकर 8: हिंदी हार्टलैंड का दिल किस पर?

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 26 Apr 2019,08:18 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT