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Gujarat Elections 2022: गुजरात में बीजेपी ही सिरमौर है. ये हम नहीं गुजरात की जनता ने अपने वोटों से एक बार फिर साफ शब्दों में एलान कर दिया है. बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनावों में न सिर्फ 27 साल के अपने इस गढ़ को बरकरार रखा है बल्कि अबतक की सबसे बड़ी जीत के साथ मोदी-अमित शाह के इस होम टर्फ पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है.
गुजरात से कांग्रेस को बड़ा डेंट मिला है. 2017 के चुनावों में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने वाली कांग्रेस मुकाबले में दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही. अपने एग्जिट पोल और अब फाइनल नतीजों में पार्टी के वोट शेयर ने ऐसी डुबकी मारी है कि शायद उसे हिमचाल के प्रदर्शन का मरहम भी राहत न दें.
सबसे पहले आपको बताते हैं इस बार के चुनाव में किस पार्टी ने कैसा प्रदर्शन किया है?
गुजरात में सभी 182 सीटों पर रुझान आ चुके हैं और बीजेपी प्रचंड जीत की ओर दिख रही है. प्रदर्शन भी इतना शानदार कि रिकॉर्ड बनता दिख रहा है. बीजेपी गुजरात में डाले गए कुल वोट का लगभग 53% वोट शेयर अपने पाले में करती दिख रही है, जो कि गुजरात में हुए किसी भी विधानसभा चुनाव में BJP के लिए सबसे ज्यादा वोट है.
1980 से लेकर 2022 तक के आंकड़ों को देखें तो इन 42 सालों में बीजेपी को सबसे ज्यादा 50% वोट 2017 में मिले थे, लेकिन अबकी बार ये आंकड़ा 53% से आगे निकल गया है. वहीं अगर सीटों की बात करें तो बीजेपी ने 2002 में 182 में से 127 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन अबकी बार ये रिकॉर्ड भी टूटता दिख रहा है.
वहीं अगर अन्य पार्टियों के वोट शेयर की बात करें तो कांग्रेस के पाले में केवल 27% वोट आते दिख रहे हैं. जबकि आम आदमी पार्टी को अबतक के रुझानों में 13% वोट मिलते दिख रहे हैं.
इतना ही नहीं. गुजरात में एक और रिकॉर्ड टूटा है. कांग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन अबकी बार का होगा. 1985 के विधानसभा चुनाव में 55% वोट जीतने वाली कांग्रेस अबकी बार 27% के पास सिमटती दिख रही है. इससे पहले 1990 में कांग्रेस को सबसे कम 30% वोट मिले थे. यानी 2022 का चुनाव अबतक का कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन वाला चुनाव होगा.
अब गुजरात में इस रिकॉर्ड तोड़ खराब प्रदर्शन का ठीकरा कांग्रेस खुद की तैयारियों पर फोड़ेगी या यहां के चुनावी मैदान में न्यू प्लेयर आम आदमी पार्टी पर? एक सवाल यह भी है कि क्या उसके पाले के वोटों का एक बड़ा हिस्सा AAP के साथ चला गया? इन सवालों का जवाब 2017 और 2022 के वोट शेयर के आंकड़े दे रहे हैं.
बीजेपी को 2017 के चुनाव में कुल वोटों का 50% हिस्सा मिला था जबकि इस बार यह बढ़कर 53% होता दिख रहा है. यानी पार्टी के वोट शेयर में लगभग 3% का इजाफा हुआ है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में 41.4% वोट हासिल किये थे. जो इस बार लगभग 14.4% कम होकर 27% के आसपास दिख रहे हैं. अब नजर डालिये AAP के वोटों पर. 2017 में केवल 0.01% वोट लेने वाली AAP को इसबार 13% वोट मिल रहे हैं.
क्विंट के पॉलिटिकल एडिटर आदित्य मेनन के अनुसार पिछले 25 सालों में यह पहली बार है जब गुजरात में बीजेपी-कांग्रेस के सामने सही अर्थों में तीसरी ताकत खड़ी हुई है. आखिरी ऐसी पार्टी शंकर सिंह वाघेला की राष्ट्रीय जनता पार्टी थी जिसे 1998 के विधानसभा चुनाव में लगभग 12 प्रतिशत वोट और चार सीटें मिली थीं. लेकिन वह भी बीजेपी से अलग होकर बनाई गयी पार्टी थी.
आदित्य मेनन के अनुसार AAP अभी भी पूरे गुजरात के स्तर पर वोटरों के सामने विकल्प बनकर नहीं उभरी है क्योंकि उत्तर और मध्य गुजरात में इसका प्रदर्शन खराब रहा है. इसके बावजूद यह भी सच है कि पंजाब में अपने पहले कुछ चुनावों में भी AAP मुख्य रूप से मालवा क्षेत्र तक ही सीमित थी लेकिन आज इसकी सरकार वहां है.
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