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सूरत-राजकोट में राहुल गांधी ने किया था प्रचार, यहां कांग्रेस को मिली जीत या हार?

Congress इस बार इतने ज्यादा नुकसान में रही कि अधिकतर सीटों पर दूसरा स्थान भी प्राप्त नहीं कर पाई.

क्विंट हिंदी
गुजरात चुनाव
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<div class="paragraphs"><p>सूरत-राजकोट में राहुल गांधी ने किया था प्रचार लेकिन AAP को नहीं झेल पाई कांग्रेस</p></div>
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सूरत-राजकोट में राहुल गांधी ने किया था प्रचार लेकिन AAP को नहीं झेल पाई कांग्रेस

फोटो- क्विंट हिंदी

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गुजरात (Gujarat Election Result 2022) के नतीजे सामने हैं, बीजेपी (BJP) की 156 सीटों पर ऐतिहासिक जीत और AAP को मिली बढ़त के बीच कांग्रेस (Congress) काफी पीछे रह गई. किसी ने कहा भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) यहां नहीं आई, बड़े स्तर पर प्रचार न होने को भी एक कारण बताया गया. हालांकि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राज्य के सूरत (Surat) और राजकोट (Rajkot) में प्रचार किया था.

ऐसे में सूरत और राजकोट में कांग्रेस किस स्थिति में दिखी ये समझते हैं.

सूरत में कांग्रेस का सूपड़ा साफ?

गुजरात में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस पार्टी को हुआ. सूरत जिले की बात करें तो अहमदाबाद के बाद यहां सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें हैं. सूरत पिछले तीन दशक से बीजेपी का मजबूत गढ़ बना हुआ है. इस बार भी यहां कमल खिला है. सभी 16 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. वहीं आम आदमी पार्टी एक भी सीट अपने नाम नहीं कर पाई है, लेकिन वोट पर्सेंटेज जरूर बढ़ा है.

अब पहला स्थान तो बीजेपी का है लेकिन दूसरे स्थान पर चुनावी लड़ाई देखने लायक रही. 16 में से 7 सीटों पर कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही बाकी 9 सीटों पर कांग्रेस और पिछड़ गई. हालांकि, इसकी तुलना जीत के मार्जिन से करें तो किसी सीट पर ज्यादा फाइट नहीं दिखी.

सूरत की वराछा रोड सीट भी महत्वपूर्ण थी जहां हमेशा बीजेपी ने जीत दर्ज की है. इस चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया था लेकिन फिर भी कांग्रेस कुछ नहीं हासिल कर पाई.

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सूरत में कांग्रेस की हार के कारण

सूरत BJP कई दशकों से बीजेपी का अभेद किला बना हुआ है. इसके अलावा AAP ने भी कांग्रेस के वोट काटे. लिहाजा कांग्रेस के लिए यह लड़ाई सबसे मुश्किल बन गई थी.

पिछले चुनाव से तुलना करें तो बीजेपी ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार बीजेपी के खाते में 16 की 16 सीटें आई है. 2017 में मंडावी सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार बीजेपी 39% वोटों के साथ जीत गई है. यहां कांग्रेस को 30% और AAP को 26% वोट मिले हैं. इससे साफ की मंडावी में AAP, कांग्रेस की हार का कारण बनी है.

राजकोटः 2012 में कांग्रेस के पास 4 सीटें थीं इस बार जीरो

भारत जोड़ो यात्रा छोड़कर राहुल गांधी राजकोट भी प्रचार करने आए थे. राजकोट जिले में कुल 8 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें राजकोट पूर्व, राजकोट पश्चिम, राजकोट दक्षिण, राजकोट ग्रामीण,जसदन, गोंडल, जेतपुर और धोराजी शामिल हैं. जिले की आठ सीटों में से सात सामान्य सीटें हैं जबकि राजकोट ग्रामीण सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

यहां भी बीजेपी ने आठों सीटों पर जीत दर्ज की है लेकिन बात अगर दूसरे स्थान की करें तो कांग्रेस चार सीटों पर दूसरे स्थान पर थी बाकी 4 पर AAP ने फाइट की. मार्जिन के लिए लिहाज से दूसरे स्थान पर कांग्रेस का रहना कोई बड़ी बात नहीं है. केवल जसदन ही ऐसी सीट है जिस पर कांग्रेस और AAP ने अच्छी फाइट दी.

पांच साल पहले साल 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में राजकोट की आठ सीटों में से 6 बीजेपी के और दो सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले विजय रूपाणी राजकोट पश्चिम सीट से जीते थे. वो पांच साल से ज्यादा समय तक गुजरात के सीएम रहे. इससे पहले साल 2012 में दोनों पार्टियों के खाते में 4-4 सीटें गई थीं.

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