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Isudan Gadhvi कौन, गुजरात चीफ को छोड़ AAP ने पूर्व पत्रकार पर क्यों लगाया दांव?

Gujarat में केजरीवाल ने जिसे बनाया CM पद का उम्मीदवार, वो कर चुके एक बड़े घोटाला का पर्दाफाश

आशुतोष कुमार सिंह
गुजरात चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>Isudan Gadhvi:करोड़ों का घोटाला उजागर करने वाला पत्रकार कैसे बना AAP का CM चेहरा?</p></div>
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Isudan Gadhvi:करोड़ों का घोटाला उजागर करने वाला पत्रकार कैसे बना AAP का CM चेहरा?

(फोटो- अलटर्ड बाई क्विंट)

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गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) के शेड्यूल की घोषणा के साथ चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है और राजनीतिक दल एक-एक कर अपने पत्ते खोल रहे हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार, 4 नवंबर को AAP के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव और पूर्व पत्रकार इसुदन गढ़वी (Isudan Gadhvi AAP CM Candidate) को गुजरात चुनाव के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में घोषित किया है.

इसुदन गढ़वी ने AAP के सीएम कैंडिडेट के रूप में घोषणा के बाद केजरीवाल का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि “मैं आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल और खासकर गुजरात के लोगों को मुझ पर विश्वास दिखाने और मेरे जैसे आम आदमी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए धन्यवाद देता हूं. मैं प्रॉमिस करता हूं कि जनता का सेवक बनकर जनहित में सदैव कार्य करता रहूंगा."

तो आइये यहां आपको आसान शब्दों में इन 4 सवालों का जवाब देते हैं:

  • इसुदन गढ़वी कौन हैं?

  • उन्हें AAP ने महत्वपूर्ण चुनावी राज्य- गुजरात में अपना सीएम कैंडिडेट क्यों बनाया है?

  • इसुदन गढ़वी से जुड़ा विवाद क्या है?

  • इसुदन गढ़वी के अलावा AAP के और किन नेताओं का नाम आगे चल रहा था ?

इसुदन गढ़वी कौन हैं?

10 जनवरी 1982 को जन्मे 40 वर्षीय इसुदन गढ़वी अभी आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव हैं. वह गुजरात में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. गढ़वी गुजरात के द्वारका जिले के पिपलिया गांव के एक समृद्ध किसान परिवार और अन्य पिछड़ी जातियों से आते हैं, जो राज्य की आबादी का 48 फीसदी है.

गढ़वी ने 2005 में गुजरात विद्यापीठ से पत्रकारिता और जनसंचार में पढ़ाई पूरी करने के बाद मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए पत्रकार के रूप में काम किया. गढ़वी ने शुरुआत में दूरदर्शन के लिए काम किया था. बाद में एक पत्रकार के रूप में अपने करियर में, उन्होंने गुजरात के डांग जिले में वनों की कटाई के 150 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश किया, जिसने सरकार को अपराधी और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार के रूप में गढ़वी की लोकप्रियता इस हद तक थी कि उनके 8-9 बजे के शो को लोगों की मांग पर आधे घंटे के लिए रात 9:30 बजे तक बढ़ाना पड़ा था.

इसुदन गढ़वी 2021 में AAP में शामिल हुए थे.

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इसुदन गढ़वी से जुड़ा विवाद क्या है?

जनवरी 2022 में गांधीनगर के इन्फोसिटी थाने की पुलिस ने इसुदन गढ़वी को 20 दिसंबर 2021 को कोबा के कमालम में AAP और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के समय कथित तौर पर शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया. कथित तौर पर गढ़वी को फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की रिपोर्ट के बाद उनके खून में अल्कोहल/शराब की मौजूदगी की पुष्टि के बाद गिरफ्तार किया गया था.

इसुदन गढ़वी को AAP ने अपना सीएम कैंडिडेट क्यों चुना?

इसुदन गढ़वी को आम आदमी पार्टी ज्वांइन किए मुश्किल से एक साल हुए हैं और उनकी पहचान पार्टी के अंदर युवा तुर्क के रूप में होने लगी है. राज्य पार्टी इकाई के प्रमुख गोपाल इटालिया को छोड़कर AAP ने इसुदन गढ़वी  पर बाजी लगाई है. गोपाल इटालिया ने पाटीदार समुदाय के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने गोपाल इटालिया ने को कुछ घंटे तक हिरासत में रखा था.

मजे की बात यह भी है कि गढ़वी ने अपने पत्रकारिता करियर को तब छोड़ा था जब वह उफान पर था और उन्हें AAP में शामिल होने के लिए बुलावा लेकर और कोई नहीं बल्कि खुद गोपाल इटालिया ही गए थे.

राज्य की आबादी में लगभग 48% हिस्सेदारी रखने वाले OBC समुदाय से आने वाले इसुदन गढ़वी की क्षवि भ्रष्टाचार विरोधी और पहली पीढ़ी के राजनेता के तौर पर है जिसके परिवार का इससे पहले राजनीति से कोई वास्ता नहीं था. इस मामले में इसुदन गढ़वी खुद पार्टी सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल की कैटेगरी में खड़े नजर आते हैं.

दिल्ली और पंजाब के बाद गुजरात में अपनी स्थिति मजबूत करने की जुगत में लगी आम आदमी पार्टी गढ़वी की इसी छवि की मदद से बीजेपी शासन से नाराज वोट, जो कांग्रेस की कमजोर तैयारी के कारण उससे प्रभावित नहीं हैं, उन्हें अपने हिस्से में करना चाहती है. साथ ही आप की यह कोशिश है कि कांग्रेस से निकलना हुआ वोट भी बीजेपी को न जाए बल्कि वह गुजरात के चुनावी पिच पर ऐसे तीसरे विकल्प के रूप में मौजूद रहे, जो आम आदमी के सरोकारों की राजनीति करती है.

पिछले महीने गढ़वी ने द्वारका जिले से "बस, हवे परिवर्तन जोईये" (बस, अब हमें एक बदलाव की जरूरत है) नामक एक यात्रा शुरू की. यह 67 निर्वाचन क्षेत्रों को कवर करने के बाद 20 नवंबर को समाप्त होने वाली है.

इसुदन गढ़वी के अलावा AAP के और किन नेताओं का नाम आगे चल रहा था ?

AAP सुप्रीमो केजरीवाल ने कहा है कि "हम एक कमरे में बैठकर तय नहीं करते कि सीएम उम्मीदवार कौन होगा. भगवंत मान को AAP ने नहीं बल्कि पंजाब की जनता ने मुख्यमंत्री चुना था, उसी तरह इसुदन गढ़वी का नाम भी जनता ने चुना है." केजरीवाल के अनुसार सीएम कैंडिडेट पर शुरू पब्लिक ओपिनियन में 16,48,500 लोगों ने रेस्पॉन्स किया और उनमें से 73 प्रतिशत ने इसुदन गढ़वी को अपना वोट दिया.

गुजरात में आम आदमी पार्टी के सीएम पद के चेहरे के लिए इसुदन गढ़वी के अलावा पाटीदार नेता और राज्य प्रमुख गोपाल इटालिया, अल्पेश कथेरिया, इंद्रनील राज्य गुरु और मनोज सुरथिया का नाम भी रेस में चल रहा था.

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