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हिमाचल: राजपूत सीएम-ब्राह्मण डिप्टी सीएम, कांग्रेस ने एक तीर से साधे 3 निशाने

Himachal Pradesh: जब भी कांग्रेस की सरकार आई तो सीएम, हॉली लॉज निवास से मिलता रहा है.

क्विंट हिंदी
हिमाचल प्रदेश चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का रिवाज नहीं बदला लेकिन कुछ अहम बदलाव हुए हैं</p></div>
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हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का रिवाज नहीं बदला लेकिन कुछ अहम बदलाव हुए हैं

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में हर बार सत्ता परिवर्तन का रिवाज इस बार भी जारी है. बीजेपी के बाद 2022 विधानसभा चुनाव परिणामों में कांग्रेस को जीत मिली है. बेशक यहां सरकार बदलने का रिवाज कायम है लेकिन एक रिवाज बदल गया है. दरअसल जब भी सरकार बदलती थी और बदलकर कांग्रेस की सरकार आती थी तो लंबे अरसे से सीएम हॉली लॉज निवास से मिलता रहा है यानी वीरभद्र सिंह. लेकिन 6 बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बिना यह पहला चुनाव था और इस चुनाव में एक और बात खास हुई कि पहली बार हिमाचल में उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.

बड़ी बात यह है कि ना तो मुख्यमंत्री और ना ही उपमुख्यमंत्री दोनों में से हॉली लॉज में से एक भी नहीं है.

सुक्खू बने मुख्यमंत्री तो मुकेश अग्निहोत्री उपमुख्यमंत्री

दरअसल सभी कांग्रेस विधायकों की सहमति के बाद पार्टी हाईकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री घोषित किया है, जो कि राजपूत चेहरा है. वहीं मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर जिला के नादौन से विधायक हैं और मुकेश अग्निहोत्री जिला ऊना के हरोली से विधायक हैं. मुकेश अग्निहोत्री इससे पहले जयराम सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस की तरफ से विधायक दल का नेतृत्व करते रहे हैं.

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का हॉली लॉज से गहरा कनेक्शन

भले ही मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री हॉली लॉज के रहने वाले नहीं हैं लेकिन देखा जाए तो उपमुख्यमंत्री बनाना हॉली लॉज वालों की ही पसंद है. दरअसल मुकेश अग्निहोत्री पूर्व सीएम के बेहद करीबी रहे हैं और वे वीरभद्र खेमे के माने जाते हैं. लिहाजा यह एक तरह से हॉली लॉज के समर्थकों की दूसरी पसंद थी कि अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो मुकेश अग्निहोत्री को बनाया जाए.

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सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ उनका समर्थन करने वाले विधायकों की 16 तादाद थी, जिसके बाद कहीं ना कहीं यह देखा जा सकता है कि विक्रमादित्य को देखते हुए पुत्र मोह और परिवारवाद की बयानबाजी से बचने के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया गया.

सुखविंदर सिंह सुक्खू को राजपूत होने का भी मिला फायदा

अगर दूसरी तरफ देखा जाए तो हिमाचल प्रदेश एक राजपूत समुदाय बाहुल्य प्रदेश है. लिहाजा सुखविंदर सिंह सुक्खू एक प्रभावशाली ठाकुर समुदाय से हैं और बड़ा चेहरा है. पार्टी ने ठाकुर समुदाय को साधने की कोशिशों के बीच प्रदेश की कमान सुखों के हाथ में दी है ताकि इसका फायदा 2024 के लोकसभा चुनाव में मिल सके.

ब्राह्मण समुदाय का दिग्गज चेहरा हैं मुकेश अग्निहोत्री

आपको बता दें कि मुकेश अग्निहोत्री ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. लिहाजा जहां पार्टी ने सुखों के जरिए ठाकुर समुदाय को साधने की कोशिश की है वहीं मुकेश अग्निहोत्री के जरिए ब्राह्मणों को भी साधने की कोशिश की है. मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का बड़ा चेहरा है.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से आते हैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री

कांग्रेस हाईकमान ने कहीं ना कहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के घर को कब्जाने के लिए रणनीति बनाई है. सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री दोनों ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से आते हैं और यहां से अनुराग ठाकुर बीजेपी के सांसद हैं, जो कि केंद्र में मंत्री भी हैं. लिहाजा कांग्रेस ने 2024 के चुनावों को देखते हुए एक तो हमीरपुर को जीतने का कोशिश की है तो वहीं इन दोनों के जरिए प्रदेश के ब्राह्मण और राजपूत समुदाय को साधने के लिए ये रणनीति बनाई है.

वहीं अगर हॉली लॉज के नजरिए से देखा जाए तो मुकेश अग्निहोत्री हॉली लॉज के जरिए ही उपमुख्यमंत्री बनकर प्रदेश में कमान संभालने उतरे हैं, भले ही प्रत्यक्ष तौर पर और इलाज से नहीं जुड़े हों लेकिन वीरभद्र के जरिए अप्रत्यक्ष तौर पर उनका हॉली लॉज से पुराना और गहरा नाता है.

इस तरह से बदले रिवाज के बीच यह भी कह कहा जा सकता है कि भले ही हॉली लॉज से प्रदेश को मुख्यमंत्री नहीं मिला लेकिन उपमुख्यमंत्री हॉली लॉज की तरफ से ही प्रदेश को दिया गया है तभी तो शायद 2022 विधानसभा चुनाव में प्रदेश को पहला उपमुख्यमंत्री मिला है.

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