advertisement
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जनता से एक ऐसा वादा किया है, जो देश के सियासी समीकरणों को काफी हद तक बदल सकता है. ये वादा है- मिनिमम इनकम गारंटी यानी न्यूनतम आय योजना (NYAY) का. कई आंकड़े और तथ्य इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि कांग्रेस के इस वादे से केंद्र की सत्ता में लगातार दूसरी पारी खेलने की कोशिशों में लगी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ऐसे में NYAY को लेकर कांग्रेस के वादे और उसके संभावित सियासी नतीजों पर एक नजर:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में वादा किया कि केंद्र में उनकी सरकार बनी तो देश के सबसे गरीब 20 फीसदी परिवारों को सालाना 72000 रुपये (हर महीने 6000 रुपये) दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि 5 करोड़ परिवारों (25 करोड़ लोगों) को इस स्कीम का फायदा मिलेगा.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- ''(गरीबी के खिलाफ) ऑपरेशन का मनरेगा पहला फेज था. मनरेगा के जरिए हमने 14 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला. अब दूसरे और फाइनल फेज में हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाल देंगे.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''अगर किसी की मासिक आय 12000 रुपये से कम है तो हम सुनिश्चित करेंगे कि उसे यह रकम (हर महीने 6000 रुपये) मिले.''
इस वादे के आगामी लोकसभा चुनाव पर संभावित असर को समझने के लिए सबसे पहले गरीबी और सबसे बड़े चुनावी मुद्दे के कनेक्शन को समझना होगा.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के सर्वे के मुताबिक, देश के वोटरों की प्राथमिकता में रोजगार का मुद्दा सबसे ऊपर है. एडीआर ने यह सर्वे 2018 में अक्टूबर से दिसंबर तक किया था. 534 लोकसभा सीटों पर किए गए इस सर्वे में करीब 2.73 लाख वोटरों को शामिल किया गया.
इस स्कोर से साफ है कि मोदी सरकार रोजगार और इनकम को लेकर लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है. ऐसे में कांग्रेस का मिनिमम इनकम गारंटी का वादा बेरोजगार और 12000 रुपये से कम मासिक आय वाले वोटरों को अपनी ओर खींच सकता है. चलिए देश में बेरोजगारी और कम आय की समस्या के आंकड़ों पर भी एक नजर दौड़ा लेते हैं:
इन आंकड़ों से एडीआर के सर्वे में सामने आए रोजगार के मु्द्दे पर मोदी सरकार के लचर प्रदर्शन की तस्वीर और साफ हो जाती है. ऐसे में बीजेपी की अगुवाई वाली इस सरकार से रोजगार और बेहतर इनकम के मुद्दों पर नाखुश वोटर NYAY की आस में कांग्रेस का रुख कर सकते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined