Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चुनाव के लास्‍ट फेज में नीतीश ने स्पेशल स्टेटस का तीर क्यों छोड़ा?

चुनाव के लास्‍ट फेज में नीतीश ने स्पेशल स्टेटस का तीर क्यों छोड़ा?

दो साल की चुप्पी के बाद आखिरी फेज के चुनाव में जेडी (यू) ने बिहार को स्पेशल स्टेटस देने की मांग उठा कर चौंकाया है

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जेडी (यू) ने चुनाव के आखिरी फेज में उठाया बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग 
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जेडी (यू) ने चुनाव के आखिरी फेज में उठाया बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग 
(फोटो: Reuters)

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चुनावों के आखिरी फेज से ठीक पहले जेडी (यू) ने बिहार को स्पेशल स्टेटस देने की मांग उठा कर चौंका दिया है. पार्टी के महासचिव के सी त्यागी ने वोटरों से कहा कि वो जेडी (यू) के कम से कम 15 उम्मीदवारों को जिताएं ताकि वे संसद में बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग जोर-शोर से उठा सकें.

दो साल की चुप्पी के बाद अब क्यों याद आया विशेष राज्य का दर्जा?

जेडी (यू) चीफ और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पिछले दस साल से अपने राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग उठाते रहे हैं. दो साल पहले जब बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन हुआ था तो उम्मीद बंधी थी कि बिहार को यह दर्जा मिलने ही वाला है. लेकिन दो साल तक जेडी (यू) इस मुद्दे पर चुप रही. इस चुनाव की कैंपेनिंग के दौरान भी अब तक जेडी (यू) ने इस मामले को नहीं उठाया था. अब आखिरी दौर में पार्टी की ओर से विशेष दर्जा की मांग उठाने के गहरे मायने निकाले जा रहे हैं.

पिछले दिनों की रैलियों में नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने सड़कें बनवाईं, बिजली के हालात सुधारे, लड़कियों को साइकिलें बांटी और विकास के कई काम किए. हम विकास का काम करने में भरोसा करते हैं और आगे भी करते रहेंगे. विश्लेषकों का कहना है कि विकास की बात करते हुए नीतीश पिछले दो साल से विशेष राज्य का दर्जा की मांग कैसे भूले हुए थे.
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क्या सारे ऑप्शन खुला रखना चाहते हैं नीतीश

क्या विशेष राज्य की मांग उठा कर नीतीश 23 मई के बाद के सारे ऑप्शन खुला रखना चाहते हैं. नीतीश सोच रहे हैं कि अगर बीजेपी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए जेडी (यू) की जरूरत पड़ी तो वह ज्यादा मजबूती से सौदेबाजी कर सकें. साथ ही अगर बीजेपी को ज्यादा सीटें नहीं आती हैं तो उनके पास विशेष राज्य के दर्जा को मुद्दा बना कर एनडीए से छिटकने का विकल्प मौजूद रहे.

हाल ही में सीनियर बीजेपी लीडर राम माधव ने कहा था कि बीजेपी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए जेडी (यू) के सपोर्ट की जरूरत पड़ेगी. इससे जेडी (यू) नेताओं को इस बात का संकेत मिला होगा कि बीजेपी अपनी चुनावी संभावनाओं को लेकर बैकफुट पर है. और यह अपनी बार्गेनिंग पावर को मजबूत करने का बढ़िया मौका है.

हाल ही में जेडी (यू) के एमएलसी गुलाम रसूल बलयावी ने कहा था कि अगर एनडीए 2019 में सत्ता में आना चाहती है तो उसे नीतीश कुमार को चुनाव कैंपेनिंग का चेहरा बनाना चाहिए. बलयावी के इस बयान की बीजेपी और जेडी (यू) के नेताओं ने आलोचना की लेकिन नीतीश कुमार चुप रहे. साफ था का वह बीजेपी पर दबाव बनाने के मूड में आ चुके थे.

जेडी (यू) की ओर से आखिरी फेज में विशेष राज्य का दर्जे की मांग उठाने के सवाल पर तेजस्वी यादव ने भी तंज किया है. उन्होंने कहा, ‘’जेडी (यू) को चुनाव का नतीजा दिखने लगा है. यही वजह है कि उसने छठे फेज के बाद स्पेशल स्टेटस का गाना गाना शुरू किया है. कांग्रेस के सीनियर लीडर प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि जेडी (यू) को अहसास हो गया है कि 23 मई को क्या होगा. इसीलिए उसके सुर बदले हुए हैं और वह छह फेज के चुनाव के बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठा रही है.

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Published: 14 May 2019,12:21 PM IST

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