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कर्नाटक चुनावों (Karnataka Elections 2023) के नतीजों की घोषणा 13 मई 2023 को होने जा रही है. एग्जिट पोल्स में जहां एक और कांग्रेस (Congress) पार्टी को बढ़त मिलती दिख रही है. तो वहीं बीजेपी (BJP) भी जीतने का दम भर रही है. यह देखना दिलचस्प होगा की चुनावों में जीत का सेहरा किसी एक पार्टी के सर बंधेगा या फिर कर्नाटक में हंग असेंबली होगी.
अगर बीजेपी की बात की जाए तो राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र का बड़े स्तर पर कैंपेन करना इस बात की ओर इशारा करता है कि पार्टी फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए हर कोशिश कर रही है. क्योंकि अगर कर्नाटक बीजेपी के हाथ से निकलता है तो इसका मतलब साउथ में एक महत्वपूर्ण आधार के खोने जैसा होगा.
कांग्रेस के एक अंदरूनी सूत्र ने द क्विंट से बात करते हुए बताया कि अगर बीजेपी चुनाव हारती है तो उसको इससे बहुत असर नहीं होगा लेकिन अगर हम हारेंगे तो 2024 भी हांथ से निकल जाएगा.
मौजूदा वक्त में कांग्रेस केवल तीन राज्यों- छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में सत्ता पर काबिज है. यह बिहार, तमिलनाडु और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन में एक जूनियर पार्टनर है.
कांग्रेस के साथ गठबंधन में 2018-19 की एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार को छोड़कर, जेडी-एस कर्नाटक और केंद्र में कुछ वर्षों से सत्ता से बाहर है. इसका वोट शेयर भी स्थिर हो गया है. पुराने मैसूर इलाके में प्रभावी वोक्कालिगा के बीच इसके आधार को छोड़कर, अन्य समुदायों और अन्य क्षेत्रों में भी पार्टी को नुकसान हुआ है.
बेंगलुरू शहर में टर्नआउट एक विशेष रूप से बड़ा मुद्दा है, जहां ऐतिहासिक रूप से वोटरों की उपस्थिति कम रही है. मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने कई उपाय किए हैं और पार्टियां भी कोई रोक-टोक नहीं कर रही हैं लेकिन यह देखना बाकी है कि कितने मतदाता वोट डालने आते हैं.
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