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चुनाव से पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार को लेकर एक बड़ा दावा किया है. लालू प्रसाद का कहना है कि महागठबंधन से अलग होने के कुछ महीनों के बाद ही नीतीश कुमार लौटना चाहते थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया, क्योंकि उन्हें नीतीश पर भरोसा नहीं था.
प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद यादव के दावे को गलत बताते हुए ट्वीट कर लिखा है, ''लालू जी की ये बात बिल्कुल गलत है. ये एक नेता की अपनी प्रासंगिता बताने की कोशिश करने का बेहद घटिया कोशिश है, जेडीयू में शामिल होने से पहले मैंने लालू प्रसाद से कई बार मुलाकात की, लेकिन अगर मैं ये बता दूं कि हमारे बीच क्या चर्चा हुई तो वो शर्मिंदा होंगे.''
लालू की इस किताब में लिखा है:
लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने भी कहा है कि नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ने के 6 महीने के बाद ही वापस आना चाहते थे.
2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. कुछ महीने पहले ही नीतीश कुमार ने पहली बार खुलकर महागठबंधन से अलग होने की वजह बताई थी. नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा था- भ्रष्टाचार और अपराध से कोई समझौता नहीं कर सकता, जब गठबंधन में सहयोगी आरजेडी को लेकर सवाल उठने लगे और गठबंधन की तीसरी सहयोगी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जब हस्तक्षेप करने में अक्षम साबित हुए, उसके बाद ही उन्होंने ये फैसला लिया था.
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Published: 05 Apr 2019,11:40 AM IST