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लोकसभा चुनाव अपने आखिरी दौर में है. छठे फेज के लिए रविवार को वोटिंग होनी है. आखिरी के दो चरणों के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है
छठे फेज में भी कई दिग्गज उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला वोटिंग के कुछ ही दिनों बाद हो जाएगा. जानिए कौन हैं वो बड़े उम्मीदवार जिनका छठे फेज में होगा टेस्ट.
यूपी के पूर्व सीएम और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर छठे चरण में वोटिंग होनी है. लेकिन इस बार बीजेपी ने उनके खिलाफ भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने चेहरे दिनेश लाल यादव (निरहुआ) को टिकट दिया है. हालांकि इस सीट पर समाजवादी पार्टी का दबदबा माना जाता है, लेकिन निरहुआ की पॉप्युलैरिटी भी कम नहीं है. इसीलिए इस सीट पर कांटे की टक्कर मानी जा रही है.
बीजेपी की सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी इस बार अपने लोकसभा क्षेत्र पीलीभीत को छोड़कर सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं. सुल्तानपुर में उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार डॉ संजय सिंह टक्कर दे रहे हैं. इस सीट से मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी सांसद हैं. लेकिन इस बार मामला काफी ‘नेक टू नेक’ दिख रहा है.
दिल्ली की पूर्व सीएम और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित एक बार फिर नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली सीट से अपनी चुनावी किस्मत आजमाने मैदान में उतरी हैं. उनके सामने बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे भी मैदान में हैं. तीनों पूर्वांचल से आते हैं. इसीलिए यहां कांटे की टक्कर बनी हुई है. देखना ये होगा कि फाइनल में बाजी कौन मारता है. बड़ी लड़ाई शीला दीक्षित और मनोज तिवारी के बीच मानी जा रही है.
कांग्रेस के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं. मध्य प्रदेश की इस सीट को सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता है. पिछली बार भी मोदी लहर के बावजूद सिंधिया भारी मतों से जीते थे. इस बार सिंधिया को टक्कर देने के लिए डॉ केपी यादव को टिकट दिया है. लेकिन पिछले समीकरणों को देखते हुए सिंधिया का पलड़ा इस सीट पर भारी है. सिंधिया लोकसभा चुनाव के छठे चरण के सबसे अमीर उम्मीदवार भी हैं.
भोपाल लोकसभा सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो चुका है. यहां कांग्रेस ने अपने सीनियर नेता दिग्विजय सिंह को टिकट दिया था, लेकिन बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंका दिया. इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार शुरू हुआ. प्रज्ञा ठाकुर और दिग्विजय ने एक दूसरे पर जमकर बयानबाजी की. दोनों उम्मीदवारों में इस सीट पर कांटे की टक्कर मानी जा रही है. एक तरफ दिग्विजय को अपनी राजनीतिक साख बचाना जरूरी होगा, वहीं प्रज्ञा ठाकुर के लिए ये राजनीतिक करियर की बड़ी सीढ़ी साबित हो सकती है.
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Published: 10 May 2019,08:24 PM IST