advertisement
हरियाणा में जींद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाला की हार के बाद कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं से लोकसभा चुनाव को चुनौती के तौर पर लेने को कहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में मंगलवार को हरियाणा कॉर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक हुई. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में ये फैसला लिया गया कि पार्टी को इस प्रतिष्ठा की लड़ाई में अपने "सबसे अनुभवी नेताओं" को उतारना चाहिए.
इसी साल जनवरी में जींद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सुरजेवाला न केवल चुनाव हार गए, बल्कि वह भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (INLD) से टूट कर नए राजनीतिक दल बने जननायक जनता पार्टी (JJP) से भी पीछे रह गए.
इसी को देखते हुए अब कांग्रेस राज्य की सभी दस लोकसभा सीटों में से ज्यादातर सीटों पर दिग्गजों को उतारने की तैयारी कर रही है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हरियाणा में केवल एक सीट जीतने में कामयाब हो पाई थी.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद सोनीपत से चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी मौजूदा सीट रोहतक से मैदान में उतर सकते हैं.
राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा भी अंबाला से चुनाव लड़ सकती हैं, जबकि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अशोक तंवर अपनी पारंपरिक सिरसा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. सीनियर नेता किरण चौधरी, जोकि विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की नेता भी हैं, महेंद्रगढ़-भिवानी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं.
हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव गुड़गांव से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं, जबकि पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना फरीदाबाद से चुनाव लड़ सकते हैं. सीनियर नेता कुलदीप बिश्नोई या उनके बेटे सिरसा से चुनाव लड़ सकते हैं. पार्टी का कहना है कि 12 मई को होने वाली वोटिंग के लिए फिलहाला उम्मीदवारों के नामों का फैसला नहीं हुआ है. लेकिन हरियाणा की सभी सीटें जीतने पर जोर दिया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined