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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छठे चरण की वोटिंग शनिवार, 25 मई को खत्म हुई. 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीटों पर जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस चरण में 695 उम्मीदवारों के भाग्य के फैसला ईवीएम में कैद हुआ.
वोटर टर्नआउट के आंकड़ों के अनुसार, 58 सीटों पर 61.76 प्रतिशत वोटिंग हुई है.
छठे चरण के मतदान खत्म होने के साथ देश की कुल 543 लोकसभा सीटों में से 486 पर वोटिंग पूरी हो चुकी है. इस चरण के साथ दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी चुनावी प्रक्रिया खत्म हो चुकी है.
चलिए आपको यहां बताते हैं कि छठे फेज में जिन 58 सीटों पर वोट डाले गए, वहां वोटिंग पर्सेंट क्या रहा? ये आंकड़े क्या बता रहे हैं? यहां कौन-कौन सी हॉट सीट थीं और उन पर वोटरों में दिखा रुझान दिग्गजों के लिए राहत की खबर लेकर आया या नहीं?
सबसे पहले बताते हैं कि छठे चरण में किन राज्यों की कितनी सीटों पर वोट डाले गए.
उत्तर प्रदेश (14 सीट): सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही
हरियाणा (10 सीट): कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, करनाल, सोनीपत, रोहतक, भिवानी- महेंद्रगढ़, गुडगांव, फरीदाबाद, हिसार
बिहार (8 सीट): पश्चिम चंपारण, महाराजगंज, वाल्मीकि नगर, शिवहर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान
पश्चिम बंगाल (8 सीट): तामलुक, झारग्राम, मेदिनीपुर, बांकुरा, विष्णुपुर, कांथी, घाटल, पुरुलिया
दिल्ली (7 सीट): पूर्व दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, दक्षिण दिल्ली, चांदनी चौक, उत्तर पूर्व दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, नई दिल्ली
ओडिशा (6 सीट): संबलपुर, क्योंझर, ढेंकनाल, कटक, पुरी, भुवनेश्वर
झारखंड (4 सीट): गिरिडीह, जमशेदपुर, धनबाद, रांची
जम्मू-कश्मीर (1 सीट): अनंतनाग - राजौरी
2019 में सत्तारूढ़ NDA में शामिल पार्टियों ने इन 58 सीटों में से 45 सीटों पर कब्जा जमाया था जबकि विपक्षी गुट INDIA ब्लॉक की पार्टियों के पाले में केवल 5 सीटें आईं.
इनमें से 40 सीटों पर अकेले बीजेपी ने जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस को इनमें से एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियों में से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) को जीत हासिल हुई. इसके अलावा जीतने वाली पार्टियों में बहुजन समाज पार्टी और बीजू जनता दल शामिल थीं जो अभी किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं.
2014 में, एनडीए ने इनमें से 39 सीटें जीतीं और इंडिया ब्लॉक की पार्टियों ने 11 सीटें जीतीं, जबकि आठ अन्य पार्टियों के पास गईं.
अब बात करते हैं राज्यवार छठे चरण में वोट परसेंट के आंकड़े की, यानी कहां कितनी वोटिंग हुई?
उत्तर प्रदेश
लोकसभा चुनाव की लड़ाई पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गई है, जहां शनिवार को छठे चरण में 14 सीटों पर मतदान हुए. 2019 में बीजेपी ने इन 14 सीटों में से नौ पर जीत हासिल की थी और हारी हुई सीटों को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है. पांच साल पहले बीएसपी ने चार सीटें और एसपी ने एक सीट जीती थी. हांलाकि आजमगढ़ सीट जीतने वाली एसपी 2022 के उपचुनाव में यह सीट हार गई.
यूपी में इस चरण में मैदान में उतरे कुछ प्रमुख उम्मीदवारों की बात करें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी (सुल्तानपुर), निषाद पार्टी के नेता प्रवीण निषाद (संत कबीर नगर), बीएसपी के बागी रितेश पांडे (बीजेपी के अंबेडकरनगर उम्मीदवार) और अभिनेता से नेता बने दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' (आजमगढ़) के चुनावी भाग्य का फैसला इस चरण में होगा.
राजनीति में यह माना जाता है कि अगर पिछली बार की अपेक्षा वोटिंग में गिरावट हुई है तो लोग शासन के मौजूदा रूप को बदलने में उतने उत्साहित नहीं हैं. वहीं वोटिंग अगर ज्यादा होती है तो माना जाता है कि लोग सरकार बदलने के लिए बड़ी संख्या में सामने आए हैं. हालांकि भारत में यह हर बार सही नहीं होता.
1951-52 से लेकर 2019 तक 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं. 1957 से 2019 तक (पहले चुनाव को छोड़कर) 16 लोकसभा चुनावों में वोटिंग पर्सेंटेज छह बार गिरा और 10 बार बढ़ा लेकिन इनमें से मौजूदा सरकारें 8 बार फिर से सत्ता में आई और इतनी ही बार बदली गईं.
बिहार
40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में छठे चरण में 8 सीटों पर वोट डाले गए- पश्चिम चंपारण, महाराजगंज, वाल्मीकि नगर, शिवहर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान. 2019 में इन सभी पर एनडीए गठबंधन को जीत हासिल हुई थी (4 बीजेपी, 3 जेडीयू और 1 एलजेपी). इस बार तेजस्वी यादव की आरजेडी के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा है.
अगर बिहार के अंदर छठे चरण की हॉट सीट की बात करें तो सिवान पर सबकी नजर है. यहां आरजेडी ने अनुभवी नेता अवध बिहारी चौधरी को मैदान में उतारा है, जो बीजेपी की विजय लक्ष्मी देवी को चुनौती दे रहे हैं. हालांकि मुकाबले को रोचक बना रही हैं निर्दलीय उम्मीदवार हिना शहाब. हिना शहाब आरजेडी नेता, बाहुबली और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हैं.
हरियाणा
हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर एक चरण में ही वोट डाले गए. पांच साल पहले सत्ताधारी बीजेपी ने सूबे की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिनमें से 8 सीटों पर पार्टी को बंपर जीत मिली थी.
हरियाणा की हॉट सीट की बात करें तो इसबार हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को करनाल सीट से उतारा है. मार्च 2024 में नायब सिंह सैनी के कुर्सी संभालने से पहले वह हरियाणा के मुख्यमंत्री थे. अब पार्टी ने उन्हें चुनावी 'जंग' में उतारा है.
दिल्ली
भले AAP दिल्ली के चुनावी मैदान में एक प्रमुख ताकत रही है, लेकिन वह राष्ट्रीय राजधानी से एक भी लोकसभा सीट जीतने में विफल रही है. 2014 और 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के दम पर बीजेपी ने सभी सात सीटों पर जीत हासिल की.
लेकिन 2024 में, AAP और कांग्रेस दोनों का मानना है कि इस बार एक बड़ा अंतर है: 2014 और 2019 में, दोनों दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ और बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिससे यह त्रिकोणीय मुकाबला बन गया. लेकिन इस बार, उन्होंने एक साथ गठबंधन किया है, जिसमें AAP सात सीटों में से चार और कांग्रेस बाकि की तीन पर चुनाव लड़ रही है.
नई दिल्ली सीट एक हाई-प्रोफाइल सीट है. इस बार बीजेपी ने वकील और सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला AAP के सोमनाथ भारती से है. जबकि पूर्वोत्तर दिल्ली से कांग्रेस के कन्हैया कुमार दो बार के सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
पश्चिम बंगाल
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के 42 लोकसभा क्षेत्रों में से 30 पर जीत का लक्ष्य रखा है. ऐसे में हर चरण पार्टी के लिए अहम है. छठे चरण में सूबे की 8 सीटों के लिए वोटिंग हुई. 2019 के चुनावों में इन 8 सीटों में से बीजेपी ने 5 और टीएमसी ने 3 सीटें जीतीं.
2019 के चुनाव में पश्चिम बंगाल की इन 8 सीटों पर वोटिंग परसेंट 84.60% रहा था. इस बार यह आंकड़ा 80.06% रहा.
इसके अलावा एक हॉट सीट जम्मू-कश्मीर में भी है- अनंतनाग-राजौरी: यहां मतदान तीसरे की जगह छठे चरण में कराया गया. यहां से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती मैदान में हैं और उनके सामने नेशनल कांफ्रेंस के नेता मियां अल्ताफ अहमद हैं.
आखिर में एक बात और. इसमें पोस्टल बैलेट से डाले हुए वोट शामिल नहीं हैं. वोटिंग परसेंट का आंकड़ा आगे और बढ़ेगा.
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