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UP की तरह MP-राजस्थान में BSP से दूसरी पार्टी को फायदा? सी-वोटर ओपिनियन पोल में घटे वोट

Election Opinion Poll: मध्य प्रदेश और राजस्थान को लेकर ABP सी वोटर का ताजा ओपिनियन पोल सामने आया है.

क्विंट हिंदी
मध्य प्रदेश चुनाव
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<div class="paragraphs"><p>Opinion Poll: MP में कांग्रेस को बढ़त,राजस्थान में 'BJP सरकार',BSP-SP कहां पिछड़े?</p></div>
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Opinion Poll: MP में कांग्रेस को बढ़त,राजस्थान में 'BJP सरकार',BSP-SP कहां पिछड़े?

(फोटो: अवनीश कुमार/क्विंट हिंदी)

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ABP C-Voter Opinion Poll: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही ओपिनियन पोल भी आने शुरू हो गये हैं. ओपिनियन पोल में जिन पार्टी को बढ़त है वो खुश हैं तो वहीं, जिन दलों को नुकसान हो रहा है वो फिर से रणनीति बनाने में जुटे हैं.

ऐसा ही मध्य प्रदेश और राजस्थान को लेकर ABP सी वोटर का ताजा ओपिनियन पोल सामने आया है. जिसमें सीटों का आंकड़े से लेकर वोट प्रतिशत का जिक्र किया गया है. आइये आपको बताते हैं कि पोल चुनाव को लेकर क्या कहता है?

मध्य प्रदेश में क्या तस्वीर?

ओपिनियन पोल के आंकड़ों के मुताबिक, वोट शेयर के मामले में सत्तारूढ़ बीजेपी कांग्रेस से 0.1 फीसदी आगे है. कांग्रेस को 44.6 फीसदी और बीजेपी को 44.7 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान है. बीएसपी को 2.1 फीसदी वोट मिल सकते हैं. वहीं अन्य के खाते में 8.6 फीसदी वोट जा सकते हैं.

ओपिनियन पोल की खास बात ये है कि बीएसपी और अन्य के वोट शेयर घटने का फायदा बीजेपी और कांग्रेस को मिलता दिख रहा है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों को पिछले चुनाव के मुकाबले 3.7 फीसदी की बढ़त मिल सकती है.

दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40.9 फीसदी वोट मिले थे और इस बार 44.6 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है, जबकि बीजेपी का वोट शेयर 2018 में 41.0 फीसदी था, जो अब बढ़कर 44.7 प्रतिशत हो सकता है.

BSP और अन्य को कितना नुकसान?

वहीं, बीएसपी का वोट प्रतिशत 2018 में 5.0 फीसदी था, जो अब घटकर 2.1 फीसदी हो सकता है. यानी मायावती की पार्टी को 2.9 फीसदी वोटों का नुकसान हो रहा है. जबकि अन्य 13.1 फीसदी से घटकर 8.6 प्रतिशत मत पर आ सकता है. यानी अन्य को भी 4.5 प्रतिशत वोट का नुकसान हो रहा है.

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MP में किस दल को मिलेगी कितनी सीट?

ओपिनियन पोल के अनुसार, 230 सीट वाले एमपी में बीजेपी को 104 से 116, कांग्रेस को 113 से 125, बीएसपी को 0 से 2 और अन्य को 0 से 3 सीटें मिलने का अनुमान है. मतलब बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकबला है.

हालांकि, अगर 2018 चुनाव को देखें तो परिणाम इस बार के ओपिनियन पोल की तरह ही थे. उस वक्त भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. कांग्रेस को 114, बीजेपी को 109, समाजवादी पार्टी को एक, बीएसपी को दो सीट मिली थी, जबकि 4 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत हासिल करने में सफल हुए थे.

राजस्थान में खिलेगा 'कमल'?

200 सीट वाले राजस्थान में ओपनियिन पोल के मुताबिक, सत्तारूढ़ दल कांग्रेस को 59 से 69 सीट मिल सकती है, जो पिछली बार के 99 सीट के मुकाबले काफी कम है. जबकि बीजेपी को 127 से 137 सीट मिलने का अनुमान है, जो उसके लिए पिछली बार के 73 सीट के मुकाबले ज्यादा है.

ओपनियिन पोल में अन्य को 2 से 6 सीट मिलने का अनुमान है. जबकि पिछली बार बीएसपी को 6, आरएलपी को 3, अन्य को पांच और निर्दलीयों को 13 सीटों पर जीत मिली थी. यानी अन्य को भी बड़ा नुकसान होता दिख रहा है.

बीजेपी-कांग्रेस के वोट शेयर में कितना अंतर?

वोट शेयर की बात करें तो, कांग्रेस को 42 फीसदी, बीजेपी को 47 फीसदी और अन्य को 11 प्रतिशत वोट मिल सकता है. यानी 2018 के मुकाबले दोनों ही दलों का वोट शेयर 2023 में बढ़ सकता है. दरअसल, एमपी की तरह राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस को अन्य का वोट शेयर घटने का लाभ मिलता दिख रहा है.

2018 में बीजेपी का वोट प्रतिशत 38.8 रहा जबकि राज्य में सबसे पड़ी पार्टी बनने वाली कांग्रेस का वोट प्रतिशत 39.3 रहा. दोनों पार्टियों के बीच का मत प्रतिशत का अंतर 0.5 के करीब रहा. वहीं, अन्य को वोट प्रतिशत 21.9 रहा.

कुल मिलाकर अगर ABP सी वोटर के ओपिनियन को देखें तो एमपी में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है. हालांकि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस को थोड़ी बढ़त है. जबकि राजस्थान में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आती दिख रही है.

खास बात यह है कि दोनों ही राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस का वोट शेयर पिछले बार के मुकाबले बढ़ा है. हालांकि, बीएसपी और अन्य दलों का वोट शेयर जरूर दोनों ही राज्यों में घटा है, जिसका सीधा लाभ बीजेपी और कांग्रेस को मिलता दिख रहा है.

जानकारों की मानें तो, एमपी में बीएसपी और एसपी सहित छोटे दलों की पहले से कम सक्रियता का लाभ बीजेपी और कांग्रेस के मिल रहा है. मौजूदा चुनाव में भी अखिलेश और मायावती बहुत एक्टिव नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में वोट शेयर का घटना लाजिमी है.

वहीं, राजस्थान में पिछले बार कई कांग्रेस के बागी बीएसपी से चुनाव लड़े, जिसका फायदा मायावती की पार्टी को मिला था, अगर इस बार भी कुछ ऐसी स्थिति बनी, तो शायद तस्वीर बदल सकती है.

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