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मिजोरम (Mizoram) में 40 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंगलवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ. वोटिंग का सिलसिला शाम 4 बजे तक चलेगा. सर्वे में सामने आए डेटा के मुताबिक मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF), जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.
4.39 लाख महिलाओं सहित 8.57 लाख से ज्यादा वोटर्स 174 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF), मुख्य विपक्षी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) और कांग्रेस ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी, 23 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने चार विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इसके अलावा 27 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं.
पूरे मिजोरम में 1,276 मतदान केंद्रों में से 149 दूरस्थ मतदान केंद्र हैं और अंतर-राज्य और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर 30 को गंभीर और असुरक्षित घोषित किया गया है.
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में 7,200 कर्मियों को तैनात करके व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
बीजेपी मिजोरम के अध्यक्ष वनलालहुमुआका ने हाल ही में Hindustan Time के साथ बातचीत में कहा था कि कम से कम छह-सात सीटों पर हमारा पलड़ा भारी है. मुझे पूरा यकीन है कि हम सरकार का हिस्सा होंगे.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लालसावता ने दावा किया है कि उनकी पार्टी मिजोरम में अगली सरकार बनाएगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो एक लाख लोगों के लिए रोजगार मुहैया कराएगी. इसमें प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने का भी वादा किया गया है, बशर्ते उनका कोई सदस्य नियमित सरकारी कर्मचारी न हो.
2018 के चुनावों में, एमएनएफ ने 26 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था, जबकि कांग्रेस वोट शेयर के मामले में राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी रही थी क्योंकि उसने पांच सीटें हासिल की थीं. इस बीच, ZPM उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और उन्हें आठ सीटें मिलीं.
इस बार मिजोरम विधानसभा चुनाव में दो अहम मुद्दे- मणिपुर में जातीय संघर्ष और बेरोजगारी है.
Hindustan Times की एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वक्त में राज्य में करीब 72,000 शरणार्थियों (मणिपुर से 12,600 कुकी और म्यांमार से लगभग 60,000) हैं.
सितंबर 2022 में, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने म्यांमार से शरणार्थियों को वापस भेजने के केंद्र के निर्देश का पालन करने से इनकार कर दिया.
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