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फिर एक बार मोदी सरकार. और वो भी पहले से ज्यादा दमदार. इस बड़ी जीत का मोदी कैबिनेट पर भी असर हो सकता है. कुछ मंत्रियों से मंत्रालय बदले जा सकते हैं, कुछ को इनाम मिल सकता है तो कुछ नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं. जिन मंत्रालयों पर सबसे ज्यादा नजर रहेगी वो हैं, वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय.
बीजेपी को 2019 में शानदार जीत मिली है तो इसके पीछे अमित शाह की रणनीति और मेहनत का भी बड़ा हाथ है. वो पहले से ही पीएम नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी माने जाते हैं. ऐसे में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाकर इनाम दिया जा सकता है. वो गुजरात के गृह मंत्री रह चुके हैं. सवाल ये है कि क्या उन्हें केंद्र में भी यही जिम्मेदारी दी जा सकती है? ऐसा हुआ तो फिर राजनाथ सिंह का मंत्रालय भी बदलेगा. अगर अमित शाह को गृह मंत्री बनाया जाता है तो पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी खाली होगी. ऐसे में जेपी नड्डा या नितिन गडकरी को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है.
मौजूदा मोदी सरकार ने बालाकोट और पुलवामा के नाम पर शानदार कामयाबी हासिल की. लेकिन आर्थिक मोर्चे पर सरकार की हालत खराब है. ऐसे में वित्त मंत्रालय में काम बढ़ सकता है. लेकिन क्या अरुण जेटली को उनकी सेहत, इतनी मेहनत की इजाजत देगी? क्या उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें कोई हल्का मंत्रालय दे दिया जाएगा या फिर उनकी मदद के लिए साथ में राज्यमंत्री दे दिए जाएंगे? अगर जेटली वित्त मंत्रालय से गए तो क्या पीयूष गोयल को वित्त मंत्री बनाया जा सकता है? जेटली जब इलाज करा रहे थे तो पीयूष ही वित्त मंत्रालय का काम संभाल रहे थे.
एक और मंत्री के पोर्टफोलियो में बदलाव हो सकता है. वो हैं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज. सुषमा स्वरा हालांकि मोदी कैबिनेट की टॉप परफॉर्मिंग मंत्रियों में से रही हैं. लेकिन उनकी सेहत उनके काम के आड़े आता रहा है. बतौर विदेश मंत्री उनसे विदेश यात्राओं की भी उम्मीद रहती है. कोई ताज्जुब नहीं कि पीएम मोदी खुद विदेश यात्रा के मोर्चे पर आगे रहे हैं. ऐसे में इस मंत्रालय में भी बदलाव हो सकते हैं.
बीजेपी अपने बल पर बहुमत में है लेकिन सहयोगियों में से किसे कैबिनेट में जगह देगी, ये देखने वाली बात होगी. गठबंधन धर्म के तहत कुछ सहयोगियों का कैबिनेट में आना तय माना जा रहा है. बिहार में जेडीयू को अच्छी कामयाबी मिली है, सो इस पार्टी से केंद्र में कुछ चेहरे नजर आ सकते हैं. एक बार फिर पासवान की एलजेपी और शिवसेना की नुमाइंदगी सरकार में होगी ही.
महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में मोदी कैबिनेट में इन राज्यों को तवज्जो दी जा सकती है. कोशिश होगी कि इन राज्यों से अपनी पार्टी के नेताओं को मौका मिले और सहयोगियों के लिए भी बर्थ बुक हो.
फिर 2022 में यूपी में भी चुनाव हैं. अभी भले ही मोदी के नाम पर बीजेपी ने राज्य में महागठबंधन को मात दे दी है, लेकिन यूपी में लड़ाई हमेशा चुनौती रहेगी. तो हो सकता है कैबिनेट फेरबदल में यूपी का विशेष ख्याल रखा जाए.
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Published: 23 May 2019,03:16 PM IST