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मोदी कैबिनेट 3.0 में किसकी चली? 11 मंत्री NDA के घटक दलों से, नीतीश-नायडू को कितना 'फायदा'?

Modi Cabinet 3.0: नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री, 36 राज्य मंत्री शामिल हैं.

आशुतोष कुमार सिंह
चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>Narendra Modi Oath Taking Ceremony</p></div>
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Narendra Modi Oath Taking Ceremony

(फोटो- अल्टर्ड बाई क्विंट हिंदी)

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लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के नतीजे आते ही कहा गया कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के पास अब अलादीन का चिराग है. इधर चिराग घिसेंगे और उधर नई मोदी सरकार की कैबिनेट में सीटें निकलेंगी. लेकिन नई कैबिनेट की लिस्ट कुछ और कहानी बता रही है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 9 जून को नई एनडीए सरकार बन चुकी है. नरेंद्र मोदी ने बतौर पीएम तीसरी बार पद की शपथ ली है.

12 और 16 सीट जीतने वाले नीतीश की जेडीयू और नायडू की टीडीपी से मोदी कैबिनेट में 2-2 नाम शामिल किए गए हैं. वहीं अगर बीजेपी को छोड़कर एनडीए के बाकी दलों की बात करें तो 71 लोगों की कैबिनेट में सिर्फ 11 मंत्री घटक दलों से बनाए गए हैं.

नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री, 36 राज्य मंत्री शामिल हैं.

चलिए हम आपको बताते हैं कि NDA के घटक दलों में किसे मोदी कैबिनेट में क्या मिला? किसे कितनी तवज्जो मिली है?

टीडीपी

चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी के दो सांसदों को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है. राम मोहन नायडू कैबिनेट मंत्री बने हैं जबकि डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी राज्य मंत्री बने हैं.

टीडीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री येरन नायडू के 36 वर्षीय बेटे राम मोहन नायडू मोदी सरकार में दूसरे सबसे कम उम्र के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बन गए हैं. तीन बार के सांसद राम मोहन नायडू 2014 से आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

चंद्रशेखर पेम्मासानी पेशे से डॉक्टर हैं और इस चुनाव में सबसे अमीर उम्मीदवारों में से एक भी हैं. पहली बार चुनाव लड़ रहे चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आंध्र प्रदेश की गुंटूर लोकसभा सीट से जीत हासिल की है. उन्होंने इस सीट पर टीडीपी के लिए अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की. उनकी जीत का मार्जिन 3.4 लाख से अधिक वोटों का रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो चंद्रबाबू नायडू ने मोदी कैबिनेट में दो नहीं 4 कुर्सियां मांगी थीं. साथ ही उन्होंने लोकसभा स्पीकर के पद की भी मांग की है. सदन को चलाने से लेकर, बिल पास करने में अहम भूमिका और दलबदल कानून लागू करने में विवेकाधिकार की शक्ति.. कई वजहों से सबकी नजर इसपर है कि इसबार यह पद किसको मिलता है.

नायडू एनडीए के कोई स्वभाविक सहयोगी नहीं हैं. पहले भी गठबंधन से बाहर जा चुके हैं और कई मौकों पर मोदी की खुली आलोचना कर चुके हैं. ऐसे में नई-नई सरकार में नायडू को बीजेपी किसी सूरत में नाराज नहीं करना चाहेगी.

जेडीयू

ट्विटर, इंस्टा या फेसबुक.. कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उठा लीजिए नीतीश कुमार हर जगह मीम्स के रूप में छाए हैं. पलट-पलट की चक्कलस और अपने यूटर्न के इतिहास की वजह से नई एनडीए सरकार के लिए नीतीश सबसे सेंसिटिव कड़ी हैं. यही वजह है कि सबकी नजर थी कि नई कैबिनेट में नीतीश कुमार की पार्टी, जेडीयू को कितनी सीटें मिलती हैं. जवाब आया है 2.

जेडीयू कोटे से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को कैबिनेट मिनिस्टर और रामनाथ ठाकुर को राज्य मंत्री का पद मिला है. रामनाथ ठाकुर जेडीयू के राज्यसभा सांसद हैं और भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. उन्होंने कई महकमों का कामकाज संभाला है. आरजेडी और नीतीश कुमार की सरकार, दोनों में मंत्री रह चुके हैं. वहीं ललन सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और इसबार मुंगेर सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की. ललन सिंह भूमिहार समुदाय से आते हैं.

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शिवसेना (शिंदे गुट)

इसबार के चुनाव में महाराष्ट्र में सिर्फ लोकसभा चुनाव नहीं हो रहा था. यहां कि जनता को दो सवाल का जवाब भी देना था- असली शिवसेना और एनसीपी कौन हैं. एनसीपी के मामले में जनता ने अपना फैसला सुना दिया है. अजीत पवार की एनसीपी को केवल 1 लोकसभा सीट पर जीत हासिल हुई है और पार्टी का कोई नेता मोदी कैबिनेट में नहीं है.

NCP नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि पार्टी को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का ऑफर दिया गया था लेकिन उसे ठुकरा दिया. उन्होंने कहा कि मैं खुद भारत सरकार का कैबिनेट मंत्री पहले रह चुका हूं. इसलिए मेरे लिए यह पद लेना थोड़ा कठिन है.

वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे की शिवसेना उद्धव से पीछे होकर भी मुकाबले में दिख रही है. पार्टी ने 7 लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है. पार्टी को मोदी कैबिनेट में 1 सीट मिली है. प्रतापराव गणपतराव जाधव को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का पद मिला है.

महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. जिस तरह से कांग्रेस, एनसीपी (शरद गुट) और शिवसेना (उद्धव गुट) ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है, बीजेपी अपनी तरफ से अगली चुनौती को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी. अब देखना होगा कि मोदी कैबिनेट में मनमाफिक जगह न मिलने के बाद अजीत पवार अगला कदम क्या उठाते हैं.

एलजेपी, हम, अपना दल... 

चाचा पशुपति पारस की जगह चिराग पासवान पर बीजेपी का भरोसा शत प्रतिशत सही साबित हुआ है. 5 सीट पर एलजेपी (रामविलास) ने चुनाव लड़ा और सब पर जीत हासिल की है. अब पशुपति पारस की जगह चिराग को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है. चिराग कैबिनेट मंत्री होंगे.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता जीतन राम मांझी को भी केंद्रीय मंत्री बनाया गया है. जीतन राम मांझी ने गया से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की है. चिराग की तरह ही HAM का स्ट्राइक रेट 100% का है क्योंकि इसने केवल गया सीट से ही चुनाव लड़ा था.

अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को भी मंत्री परिषद में जगह मिली है. उन्हें राज्य मंत्री का पद दिया गया है. अनुप्रिया पटेल ने 2021 से केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में काम किया है. 2014 से ही वो मिर्जापुर सीट को प्रतिनिधित्व किया है.

चुनाव से पहले इंडिया गुट को छोड़कर एनडीए में शामिल होने वाले राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के मुखिया जयंत सिंह को भी मंत्री परिषद में जगह मिली है. उन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद दिया गया है.

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख और राज्यसभा सांसद रामदास अठावले ने आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार में राज्य मंत्री पद की शपथ ली.

जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव में मांड्या निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है.

अब सबकी नजर होगी कि किसे कौन सा पोर्टफोलियो मिलेगा. यानी किसे कौन सा मंत्रालय अलॉट किया जाएगा. इन सबपर जब आप नजर बनाए रखें तो जेहन में यह भी बात याद रखें कि यह गठबंधन की सरकार है. नजर नीतीश और नायडू पर भी बनाए रखनी होगी, उनकी इच्छाओं पर भी रखनी होगी. क्या पता उन्होंने अलादिन के चिराग से जो मांगा हो, वह न मिला हो.

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