मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019PM मोदी बायोपिक की स्क्रीनिंग गड़बड़ा सकती है चुनावी संतुलनः EC

PM मोदी बायोपिक की स्क्रीनिंग गड़बड़ा सकती है चुनावी संतुलनः EC

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी 20 पेजों की रिपोर्ट 

क्विंट हिंदी
चुनाव
Published:
पीएम मोदी के किरदार में विवेक ओबरॉय
i
पीएम मोदी के किरदार में विवेक ओबरॉय
(फोटो: ट्विटर)

advertisement

चुनाव आयोग ने 19 मई को चुनाव खत्म होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक की रिलीज का विरोध किया है. आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इस बायोपिक में विषय के प्रति अनावश्यक भक्ति दिखाई गई है और चुनाव प्रचार के दौरान इसकी सार्वजनिक स्क्रीनिंग चुनावी संतुलन को एक ओर झुका देगी.

चुनाव आयोग ने एक्टर विवेक ओबराय स्टारर फिल्म ‘‘पीएम नरेंद्र मोदी” पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ को 20 पेजों की रिपोर्ट सौंपी है.

बायोपिक की स्क्रीनिंग चुनाव में खास राजनीतिक दल को पहुंचा सकती है फायदा

आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि ‘बायोपिक' में एक ऐसा राजनीतिक माहौल तैयार किया गया है, जिसमें एक व्यक्ति की महिमा का गुणगान किया गया है और चुनाव आचार संहिता लागू रहने के दौरान इसकी सार्वजनिक स्क्रीनिंग एक खास राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाएगी.

चुनाव आयोग ने कहा है कि ऐसे कई दृश्य हैं जिसमें एक बड़ी विपक्षी पार्टी को चित्रित किया गया है और उसे खराब तरीके से दिखाया गया है. उसके नेताओं को इस तरह से चित्रित किया गया है कि उनकी पहचान दर्शकों को साफ तौर पर जाहिर होगी.

‘संतचरित’ है पीएम मोदी की बायोपिक

रिपोर्ट में कहा गया है कि बायोपिक एक जीवनी से कहीं अधिक आगे है और यह एक ‘‘संतचरित'' (जो विषय को संत के तौर पर पेश करता है और उसे अनावश्यक सम्मान देता है) और फिल्म की रचना पूरी तरह से एक ही दिशा में है जो एक व्यक्ति को चिह्नों, नारों और दृश्यों के इस्तेमाल के जरिए बहुत ऊंचा दर्जा प्रदान करता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल की सुनवाई में चुनाव आयोग को अपने पहले के आदेश पर फिर से विचार करने और बायोपिक देखने के बाद उसकी रिलीज पर देशभर में प्रतिबंध लगाने पर एक फैसला करने का निर्देश दिया था.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट को यह रिपोर्ट सौंपी गई है. कोर्ट ने चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट 135 मिनट की इस फिल्म के निर्माता को मुहैया करने का आदेश दिया था. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘यह (बायोपिक) जीवनी से कहीं ज्यादा है और यह संतचरित है.'' रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘....पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म की पब्लिक स्क्रीनिंग की इजाजत चुनाव के आखिरी दिन 19 मई तक नहीं देनी चाहिए.''

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT