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चुनाव आयोग ने VVPAT पर 23 विपक्षी दलों की मांग खारिज कर दी है. अब तय है कि एक विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ पांच बूथों पर ही VVPAT पर्चियों का मिलान EVM के वोट से होगा और काउंटिंग के बाद होगा. विपक्ष आयोग के फैसले से संतुष्ट नहीं है. सुप्रीम कोर्ट पहले ही ज्यादा VVPAT पर्चियों के मिलान की याचिकाएं खारिज कर चुका है. आइए समझते हैं आखिर क्यों VVPAT पर्चियों के मिलान को लेकर विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट से लेकर चुनाव आयोग तक का चक्कर लगा रहे हैं.
EVM मतों की गिनती से पहले VVPAT पर्चियों का मिलान हो. अगर मिलान में गड़बड़ी मिले तो विधानसभा क्षेत्र के सभी बूथों पर पर्चियों का मिलान हो
चुनाव आयोग पहले EVM में मतों की गिनती करेगा. इसके बाद एक विधानसभा क्षेत्र के किन्हीं पांच बूथों पर पर्चियों का मिलान होगा
विपक्ष को शक है कि EVM में गड़बड़ी हो सकती है. EVM को टैंपर किया जा सकता है. यानी मतों की चोरी हो सकती है. इसलिए इस लोकसभा चुनाव में VVPAT की व्यवस्था लागू की गई है. विपक्ष का सवाल है कि अगर काउंटिंग के बाद VVPAT पर्चियों का मिलान हुआ और गड़बड़ी पाई गई तो क्या होगा? इसपर कोई सफाई नहीं है.
वोटर EVM पर एक बटन दबाकर अपने पसंदीदा कैंडिडेट को वोट देता है. लेकिन वोटर ये नहीं जान पाता कि उसने जिस उम्मीदवार को वोट दिया, उसी के नाम पर दर्ज हुआ या नहीं. इसलिए हर EVM से VVAPT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) जोड़े गए. जब वोटर EVM पर बटन दबाता है तो VVPAT में शीशे के अंदर एक पर्ची सात सेकंड तक दिखती है फिर बक्शे में गिर जाती है. वोटर यही पर्ची देखकर तसल्ली करता है कि उसने जिसे वोट दिया उसी को गया या नहीं. दिक्कत ये है कि मतगणना के दिन इन पर्चियों की नहीं, EVM में दर्ज वोटों की गिनती होती है.
पहले चुनाव आयोग एक विधानसक्षा क्षेत्र की एक बूथ पर पर्चियों का मिलान करने वाला था विपक्ष ने मांग की थी कि एक विधानसक्षा क्षेत्र की कम से कम 50% बूथों पर वीवीपैट पर्चियों का मिलान हो सुप्रीम कोर्ट ने एक विधानसभा क्षेत्र की पांच बूथों पर पर्चियों के मिलान का आदेश दिया. मंगलवार को 100% पर्चियों के मिलान वाली याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी.
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Published: 22 May 2019,05:36 PM IST