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पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए राहत की खबर आई है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से नाराज होकर इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh Sidhu) अब पूरी तरह मान चुके हैं. जिसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा भी वापस ले लिया है. इसकी जानकारी सिद्धू ने खुद दी है.
हालांकि जिन नियुक्तियों को लेकर सिद्धू ने इस्तीफा दिया था, उन पर किसी और की नियुक्ति के बाद ही वो कार्यभार संभालेंगे. सिद्धू ने कहा,
नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा वापस लिए जाने की बात तो कही, लेकिन इशारों-इशारों में नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर भी निशाना साध दिया. सिद्धू ने कहा कि, "मैंने एक महीने पहले सीएम चन्नी से बात की थी. ये 90 दिनों की सरकार है, जिसके 50 दिन पूरे हो चुके हैं. ड्रग्स और बेअदबी को लेकर कैप्टन अरमिंदर सिंह ने कुछ नहीं किया, इसलिए उनका इस्तीफा हुआ. मेरी नजरों में सीएम चन्नी के लिए भी वही जिम्मेदारियां हैं. जिन्हें उन्हें पूरा करना चाहिए."
नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी से कैबिनेट विस्तार और कुछ बड़े पदों पर नियुक्तियों को लेकर नाराज चल रहे थे. जिसके बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने तब इस्तीफा देने के बाद एक वीडियो जारी कर कहा था कि,
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ही सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ लगातार मोर्चा खोल दिया था. वो कैप्टन पर किसी विपक्षी नेता की तरह हमलावर हो चुके थे. पार्टी में भी ये साफ मैसेज दे दिया गया था कि कैप्टन के समकक्ष पद चाहिए. कई हफ्तों की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया गया, जबकि तब सीएम पद पर बैठे कैप्टन इस फैसले से मंजूर नहीं थे. इसके कुछ ही हफ्तों बाद कैप्टन को ही कुर्सी से उतार दिया गया. उनकी जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया.
लेकिन चन्नी के मुख्यमंत्री बनते ही सिद्धू फिर नाराज हो गए. इस बार उन्होंने अध्यक्ष पद से ही इस्तीफा दे दिया. इसे लेकर भी पार्टी की खूब किरकिरी हुई. खुद सीएम चन्नी ने उन्हें कई बार मनाया. जिसके बाद उनकी कुछ शर्तें मानते हुए उन्हें मनाया गया.
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