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पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election Results) की सबसे चर्चित सीटों में से एक अमृतसर ईस्ट पर AAP की जीवन ज्योत कौर बाजी मार गई हैं. शिरोमणि अकाली दल (SAD) के युवा मोर्चा के अध्यक्ष और पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री, दिग्गज अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपनी मजीठा सीट को छोड़कर इस बार अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ा था, लेकिन AAP की लहर में वो टिक नहीं सके.
सिद्धू की चुनौती स्वीकार करते हुए मजीठिया के लिए इस सीट से चुनाव लड़ना सही साबित नहीं हुआ. बिक्रम मजीठिया करीब 14 हजार वोटों से हारे. उन्हें कुल 25,188 वोट मिले. इस सीट पर वोट शेयर की बात करें, तो मजीठिया AAP उम्मीदवार को सीधी टक्कर देने में भी कामयाब नहीं रहे.
मजीठिया ने साल 2007, 2012 और 2017 में मजीठा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और तीनों बार जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे थे.
जब नवजोत सिद्धू BJP में थे तो उनके और बिक्रम मजीठिया के बीच दोस्ती हुआ करती थी. जब 2014 में BJP ने सिद्धू की जगह अरुण जेटली को अमृतसर से टिकट दिया, तो सिद्धू ने आरोप लगाया था कि मजीठिया और सुखबीर बादल ने ही उनकी टिकट कटवाई.
यहां से दोनों के बीच रिश्ते बिगड़े चले गए. जब सिद्धू कांग्रेस में आए तो मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स केस दर्ज करवाने के लिए मुहिम छेड़ दी. अब जब इस बार नवजोत सिद्धू को कांग्रेस ने अमृतसर ईस्ट से उम्मीदवार बनाया तो सिद्धू ने मजीठिया को अमृतसर ईस्ट से लड़ने की चुनौती दी. अकाली पार्टी ने यह चुनौती स्वीकार मजीठिया को अमृतसर ईस्ट पर उतारा. हालांकि, उनके लिए ये फैसला सही साबित नहीं हुआ.
दिसंबर 2021 में, मजीठिया पर NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. मजीठिया पर कनाडा के ड्रग डीलरों को उनके अमृतसर स्थित घर पर रहने देने के अलावा कार और सुरक्षा मुहैया कराने का आरोप है.
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