advertisement
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 (Rajasthan Elections 2023) के लिए कांग्रेस ने 5 नवंबर को 21 उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी है. कांग्रेस ने राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल को कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है. यही वही शांति धारीवाल हैं, जिन्होंने पायलट की बगावत के समय विधायकों की अलग से बैठक बुलाई थी.
चर्चा थी कि 2002 में राजस्थान सियासी संकट के दौरान दिए 'कौन आलाकमान' वाले बयान और कांग्रेस दल का एक अलग बैठक बुलाने के कारण महेश जोशी और राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल से कांग्रेस आलाकमान नाराज है और उनका टिकट कट सकता है. हालांकि, कांग्रेस ने महेश जोशी को टिकट तो नहीं दिया लेकिन अंतिम लिस्ट में कांग्रेस ने गहलोत के करीबी शांति धारीवाल को टिकट दे दिया है.
वहीं, सबसे हॉट सीट झालरापाटन से पार्टी ने नए चेहरे को मौका दिया है. वसुंधरा के सामने पार्टी ने राम लाल चौहान को चुनावी मैदान में उतारा है.
इस बीच, पार्टी ने गुढ़ामालानी विधानसभा क्षेत्र के निवर्तमान और छह बार के विधायक हेमाराम चौधरी को टिकट नहीं दिया है और उनकी जगह सोनाराम चौधरी को इस सीट से मैदान में उतारा. फिलहाल, हेमाराम चौधरी राजस्थान मंत्रिमंडल में वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री हैं.
कर्नल सोनाराम चौधरी ने 5 नवंबर को ही बीजेपी से कांग्रेस में वापसी की है. चर्चा है कि सोनाराम की हेमाराम ने ही घर वापसी करवाई है. सोनाराम पहले बीजेपी में ही थें लेकिन राजे ने जसवंत सिंह को टिकट दिलवाया तो वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. वे 1996, 1998,1999 और 2014 में सांसद और एक बार विधायक रहे हैं.
पार्टी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को भी टिकट देने से इनकार कर दिया. वे राठौड़ अजमेर उत्तर सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन, कांग्रेस ने इस सीट से महेंद्र सिंह रलावता को मैदान में उतारा था.
इधर, कांग्रेस ने नागौर सीट से ज्योति मिर्धा के खिलाफ मिर्धा परिवार के ही हरेंद्र मिर्धा को टिकट दिया है. ज्योति मिर्धा कुछ सप्ताह पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं हैं.
बता दें कि सातवीं लिस्ट आने तक कांग्रेस ने 200 विधानसभा में से 199 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस ने भरतपुर की सीट आरएलडी के लिए छोड़ दी है.
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और रिजल्ट 3 दिसंबर को आएगा. इधर, अब कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार फाइनल हो गए हैं. जिनका टिकट कटा है, वो नाराज हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों को नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)