Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Social dangal  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पत्रकार पर SC के आदेश के बाद पुलिस की खिंचाई,DGP से मांगा इस्तीफा!

पत्रकार पर SC के आदेश के बाद पुलिस की खिंचाई,DGP से मांगा इस्तीफा!

पत्रकार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स की अलग-अलग राय

क्‍व‍िंट हिंदी
सोशल दंगल
Published:
पत्रकार पर SC के आदेश के बाद पुलिस की खिंचाई,DGP से मांगा इस्तीफा!
i
पत्रकार पर SC के आदेश के बाद पुलिस की खिंचाई,DGP से मांगा इस्तीफा!
(फोटो: द क्विंट)

advertisement

फ्रीलांस पत्रकार प्रशांत कनौजिया गिरफ्तारी के बाद से ही सोशल मीडिया पर कई यूजर्स पुलिस की इस कार्रवाई को गलत बता रहे थे. जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो कोर्ट ने गिरफ्तारी को गलत बताते हुए पत्रकार को तुरंत रिहा करने का आदेश दे दिया. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान फटकार लगाते हुए कहा, "किसी भी नागरिक की आजादी के साथ समझौता नहीं किया जा सकता." इस खबर के बाद से सोशल मीडिया पर कोर्ट के फैसले पर खुशी जता रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स यूपी पुलिस और यूपी सीएम की निंदा कर रहे हैं. तो वहीं कुछ यूजर्स कोर्ट के इस फैसले को किसी दूसरे फैसले से जोड़कर गलत ठहरा रहे हैं.

तहसीन पूनावाला ने कहा, “अब प्रशांत कनौजिया रिलीज. कम समय में एक छोटा कदम. यूपी पुलिस और सीएम योगी के लिए शर्मनाक. यूपी पुलिस के डीजी को इस्तीफा दे देना चाहिए.

गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा, “प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी यूपी सरकार की ओर से सत्ता और ताकत का दुरुपयोग है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अभी तक फ्री स्पीच के लिए बीजेपी के तिरस्कार को दिखाया है, जो किसी भी लोकतंत्र का आधार है.”

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की निंदा भी हुई

सोशल मीडिया की यही खास बात है कि हर कोई खुलकर अपनी बात रख सकता है. एक ओर जहां सोशल मीडिया पर लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जता रहे हैं, वहीं इसी फैसले की आलोचना करने वालो की भी कमी नहीं है.

एक यूजर ने लिखा, “एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पाखंड सबके सामने आ गया. उन्होंने कमलेश तिवारी को महीनों तक सलाखों के पीछे रखा, लेकिन अब प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश दे दिया, जिसने हिंदुओं और हिंदू संतों के खिलाफ जहर उगला. ये SC का दोहरा नजरिया है. ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं.

एक दूसरे यूजर ने लिखा, “प्रशांत कनौजिया ने सीएम की छवि खराब करने की पूरी कोशिश की फिर भी वो निर्दोष है और उसे सलाखों के पीछे नहीं डाला जा सकता है. वहीं प्रियंका शर्मा ने ममता का सिर्फ मीम बनाया था. उसे न सिर्फ गिरफ्तार किया गया बल्कि माफी मांगने के लिए मजबूर भी किया गया.”

‘हिंदुओं और नेताओं के खिलाफ टिप्पणी करना फेमस होने की साजिश’

क्या था मामला?

प्रशांत ने हेमा नाम की एक महिला का वीडियो शेयर किया था. वीडियो को शेयर करते हुए प्रशांत ने एक कमेंट भी लिखा था. पूरा विवाद इसी पोस्ट से जुड़ा हुआ था.

वीडियो में महिला (हेमा) पत्रकारों से बातचीत करते हुए योगी आदित्यनाथ से प्यार संबंधी दावे कर रही थी. महिला ने दावा किया कि वो पिछले एक साल से योगी आदित्यनाथ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टच में है. महिला का कहना था कि वो पूरे प्रकरण के चलते तनाव में है और योगी आदित्यनाथ को सामने आकर उससे बातचीत करनी चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT