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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को हर निर्वाचन क्षेत्र में अब एक की जगह 5 बूथों पर VVPAT का मिलान करने का निर्देश दिया है. इन्हें बेतरतीब ढंग से चुना जाएगा. कोर्ट ने सोमवार को अपने फैसले में कहा है कि चुनाव प्रक्रिया को सटीक और भरोसेमंद बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है.
दरअसल, 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. विपक्षी दलों ने काउंटिंग में कम से कम 50 फीसदी VVPAT पर्चियों का ईवीएम से मिलान की मांग की थी. इस याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट को चुनाव आयोग ने बताया कि इससे लोकसभा चुनावों में काफी देरी होगी. फिलहाल, चुनाव आयोग हर एक मतदान केंद्र में से किसी को एक ईवीएम चुनकर उसकी पर्चियों का मिलान करता है.
अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पेपर ट्रेल के इस्तेमाल से ईवीएम वैरिफिकेशन की 1.99% बढ़ाई है. यानी कुल 10.35 लाख ईवीएम में से 20,625 का वैरिफिकेशन किया जाएगा. कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, हर जगह पर 5 ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाएगी.
वोटर जब ईवीएम के जरिए वोट करता है तो वीवीपैट यानी 'वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल' पर उस उम्मीदवार का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह एक पर्ची पर प्रिंट हो जाता है. ये पर्ची 7 सेकंड तक वोटर को वीवीपैट पर दिखाई देती है. इसके बाद मशीन में ही सुरक्षित जमा हो जाती है.
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