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तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से ठीक पहले DMK-कांग्रेस गठबंधन में दरार के संकेत मिल रहे हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अगर DMK, पार्टी को 18 से ज्यादा सीट देने से मना कर देती है तो कांग्रेस राज्य में अकेले दमपर चुनाव लड़ सकती है. एक तरफ जहां कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए 30 सीटों की मांग की है वहीं डीएमके इस बात पर अड़ी है कि वो केवल 18 सीट ही कांग्रेस को दे सकती है.
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता जो सीट बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत के हिस्सा हैं, उन्होंने द क्विंट से बातचीत में कहा कि अगर पार्टी को सम्मान नहीं दिया जाता तो पार्टी दूसरे विकल्पों के बारे में सोचेगी. गठबंधन से अलग होने की तरफ इशारा करते हुए कांग्रेस नेता कहते हैं, 'पिछली बार हमें 40 सीटें दी गई थीं. हम इस बार अपनी सीटों के कम करने के परेशान करने वाली बात को देख रहे हैं. ऐसा नहीं चल सकता.'
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व का कहना है कि तमिलनाडु चुनाव में अकेले उतरने की मांग स्टेट लीडरशिप की तरफ से आ रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केएस अलागिरी सीट बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, DMK की तरफ से किए जा रहे 'अपमान' को लेकर अलागिरी ने 5 मार्च को पार्टी की आंतरिक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में गठबंधन को लेकर अलागिरी काफी परेशान नजर आए थे.
कांग्रेस के नेताओं की दिक्कत इस बात से भी है कि कितनी आसानी से AIADMK ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन को मुकाम तक पहुंचाया है. इतनी आसानी से डीएमके-कांग्रेस गठबंधन में बातचीत होते नहीं दिख रही बता दें कि AIADMK ने बीजेपी को 24 सीटें दी हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि “डीएमके गठबंधन में सही से बर्ताव नहीं किया जाना शर्मनाक है, अगर कोई सम्मान से बर्ताव नहीं करता तो आखिर गठबंधन का मतलब ही क्या है?'.
बता दें कि 234 सदस्यों वाली तमिलनाडु विधानसभा के लिए एक फेज में 6 अप्रैल को चुनाव होंगे. नतीजे 2 मई को आएंगे.
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