advertisement
बदायूं(Badaun) जिला पश्चिम की राजनीति में बड़ा बजूद रखने वाला जिला है,इस जिले में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र आते है,जिसमें 2017 के चुनाव में बीजेपी ने क्लीन स्वीप करते हुये 6 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी,वही 2022 के हुये विधानसभा चुनाव में कुल तीन सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. वहीं एसपी ने भी तीन सीटों पर जीत दर्ज की है.
बदायूं लोकसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी के सांसद रहे धर्मेन्द्र यादव का गण माना जाता है,धर्मेन्द्र यादव मुलायम सिंह यादव के भतीजे है,जिसका इस लोकसभा क्षेत्र पर खासा प्रभाव रहता है.2022 के विधानसभा चुनाव में इस बार सपा ने 6 सीटो में 3 सीटों पर जीत दर्ज की है.जिसका एक कारण संघमित्रा मौर्य को भी माना जा रहा है.
बदायूं लोकसभा में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र है. जिसमे 115(बदायूं सदर),114(बिल्सी),117(दातागंज),116(शेखूपुर),113(सहसवान),112(बिसौली) है. बदयूं सदर विधानसभा से भाजपा के महेश चंद्र गुप्ता जो पिछली बार योगी सरकार में मंत्री थे,उन्होंने इस बार जीत दर्ज की है.वही बिल्सी विधानसभा से भाजपा के हरीश शाक्य ने सपा को पटखनी देते जीत दर्ज की है,वही दातागंज विधानसभा से भाजपा से राजीव ने समाजवादी पार्टी के अर्जुन सिंह को चुनाव हरा करके जीत दर्ज की.वही शेखुपुर,सहसवान,बिसौली में समाजवादी पार्टी के विधायक चुने गये,हिमांशू यादव ने भाजपा के धर्मेन्द्र शाक्य को हराते हुये जीत दर्ज की,वही हिमांशू जिले के सबसे युवा विधायक है,जिनकी उम्र मात्र 28 साल है.सहसवान में समाजवादी पार्टी के बृजेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी के मुसर्रत अली को हरा करके जीत दर्ज की वही इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी धर्मेन्द्र भारद्वाज तीसरे नम्बर पर रहे. बिसौली विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के आशुतोष ने भाजपा के कुशाग्र सागर को हरा करके जीत दर्ज की.
संघमित्रा मौर्य इस लोकसभा से भाजपा की सांसद है,संघमित्रा मौर्य समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री है, जिन्होंने चुनाव के आखिरी समय मे अपने पिता के लिये फाजिल नगर मे प्रचार भी किया था,वहां पर उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर जुबानी तीखे बाण भी चलाये थे.वही केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा का ये गृह जिला भी है,उसके बाद भी समाजवादी पार्टी ने सेंध लगा ली
भाजपा(महेश चंद्र गुप्ता)-100717
सपा(हाजी रईस)-89280
बसपा(राजेश कुमार)-23135
कांग्रेस(रजनी सिंह)-2235
भाजपा(हरीश शाक्य)-93329
सपा(चन्द्रप्रकाश मौर्य)-68016
बसपा(ममता)-31694
कांग्रेस(अंकित)-1890
भाजपा(राजीव)-107591
सपा(अर्जुन सिंह)-98115
बसपा(रोहित गुप्ता)-20571
कांग्रेस(आतिफ खान)-2413
सपा(हिमांशू यादव)-104920
भाजपा(धर्मेन्द्र शाक्य)-99259
बसपा(मुस्लिम खान)-34932
कांग्रेस(ममता देवी)-1454
सपा (ब्रजेश यादव)-83673
भाजपा(धीरेंद्र भारद्वाज)-66616
बसपा(मुसर्रत अली)-69728
कांग्रेस(राजवीर सिंह)-1126
भाजपा(कुशाग्र सागर)-108525
सपा(आशुतोष)-110569
बसपा-23454
कांग्रेस(प्रज्ञा)-1089
हिंदुस्तान अखबार के वरिष्ठ पत्रकार राजेश मिश्रा बताते है,हो सकता है संघमित्रा मौर्य के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी में जाने से बदायूं पर भाजपा क्लीन स्वीप नही कर पाई,क्योकि संघमित्रा अपने पिता के पक्ष में प्रचार कर रही थी,जिससे शाक्य वोट जो भाजपा का था वो समाजवादी पार्टी की तरफ रुख कर लिया
(इनपुट-शुभम श्री वास्तव)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)