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उत्तर प्रदेश में चुनावों (Uttar Pradesh Elections) के अंतिम नतीजे आ गए. बीजेपी (BJP) ने प्रचंड बहुमत पा लिया है. इस चुनाव में बीजेपी को जिन बड़े जिलों से फायदा पहुंचा है उनमें प्रयागराज (Prayagraj) भी शामिल है. प्रयागराज से बीजेपी गठबंधन को कुल 12 में से आठ सीटों पर जीत मिली है. कुछ सीटें समाजवादी पार्टी गठबंधन के पास गई हैंं, प्रयागराज जिले का चुनाव कैसा रहा और इस परिणाम के क्या कारण रहे, आइए आपको बताते हैं.
जीते - संदीप सिंह, एसपी - 78555
दूसरे - नीलम करवरिया, बीजेपी - 75116
तीसरे - सर्वेश चंद्र तिवारी, बीएसपी - 22933
जीते- हाकिम लाल बिन्द, एसपी - 844177
दूसरे - प्रशांत कुमार सिंह राहुल, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल - 80874
तीसरे - नरेंद्र मुन्ना त्रिपाठी, बीएसपी - 33877
जीते- पीयूष रंजन निषाद, बीजेपी - 89527
दूसरे- उज्जवल रमन सिंह, एसपी - 80199
तीसरे- अरविन्द कुमार शुक्ल, बीएसपी - 21950
जीते- वाचस्पति, अपना दल (सोनेलाल) - 89003
दूसरे - अजय, एसपी - 76679
तीसरे - डॉक्टर अजय कुमार, बीएसपी - 22719
जीते - राज मणि, बीजेपी - 84587
दूसरे - राम देव, एसपी - 60100
तीसरे - राजबली जायसवाल, बीएसपी - 26383
जीते - सिद्दार्थ नाथ सिंह, बीजेपी - 118759
दूसरे - ऋचा सिंह, एसपी - 88826
तीसरे - गुलाम क़ादिर, बीएसपी - 7626
जीते - नन्द गोपाल गुप्ता 'नंदी', बीजेपी - 97864
दूसरे - राईस चंद्र शुक्ला, एसपी - 71682
तीसरे - देवेंद्र मिश्रा, बीएसपी - 4208
जीते - गुरु प्रसाद मौर्य, बीजेपी - 91186
दूसरे - अंसार अहमद, एसपी - 76862
तीसरे - ओम प्रकाश, बीएसपी - 27286
जीते - गीता शास्त्री, एसपी - 91474
दूसरे - डॉक्टर जमुना प्रसाद सरोज, अपना दल (सोनेलाल) - 85884
तीसरे - आनंद भारती, बीएसपी - 29250
जीते - रमाकांत, एसपी - 81164
दूसरे - राम सूरत, बीजेपी - 55858
तीसरे - शकील अहमद, बीएसपी - 49495
जीते - हर्षवर्धन बाजपाई, बीजेपी - 96890
दूसरे - संदीप यादव, एसपी - 42007
तीसरे - अनुग्रह नारायण सिंह, कांग्रेस - 23571
जीते - विजमा यादव, एसपी - 91142
दूसरे - घनश्याम पांडेय, बीएसपी - 34912
तीसरे - संजय तिवारी, कांग्रेस - 2971
कुंभ के लिए अगर प्रयागराज मशहूर है तो कुंभ की तैयारियों के लिए योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार. यहां के कुंभ का शानदार आयोजन अब लोगों के मन में बैठा हुआ था, जिसे बीजेपी को फायदे में रखा.
जातिगत समीकरण के हिसाब से सीटों का सही बंटवारा करके बीजेपी गठबंधन ने 12 में से आठ सीटों पर कब्जा करने में सफल रही. इसी जातिगत समीकरण के हिसाब से सही टिकट देकर समाजवादी पार्टी के गठबंधन के हिस्से में भी चार सीटें आयी.
कृषि क़ानूनों के वापस लेने से ग्रामीण क्षेत्र के वोट और चुनावों की घोषणा के बाद पिछड़ा वर्ग के वोटों की लामबंदी बीजेपी की ओर हुई. जिससे मुस्लिम वोटों के सपा की तरफ़ एकतरफ़ा झुकाव ने सपा केा बीजेपी की टक्कर में बनाए रखा.
इस जिले में यादव छोड़कर दूसरे ओबीसी बीजेपी के साथ ही दिखे जिसने उसे आठ सीट जीतने में मदद की.
बीएसपी के वोटर को जब लगा कि उनकी पार्टी लड़ाई में नहीं है तो ज़्यादातर बीएसपी वोटर ने मोदी-योगी की लहर की ओर झुकना शुरू कर दिया इसने बीजेपी का काम आसान कर दिया. राशन और क़ानून व्यवस्था का बुलडोजर जैसे दो मुद्दे बीजेपी के लिए बहुत काम कर गए. यहां के चुनाव में कहा जा सकता है मुसलमानों ने सपा गठबंधन को और सवर्णों ने बीजेपी को एकमुश्त वोट दिया.
नॉर्थ सीट पर जीत केे कारण अलग ही रहते हैं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय, मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज, इलाहाबाद हाई कोर्ट वाली इस सीट पर वोटर जाति धर्म नहीं बल्कि प्रत्याशी की शैक्षिक योग्यता ज्यादा देखते हैं. यही इस बार हुआ जहां बीजेपी के हर्षवर्धन वाजपेयी जीते जो काफी उच्च शिक्षित हैं.
प्रयागराज की दक्षिणी सीट से बीजेपी प्रत्याशी नंद गोपाल गुप्ता प्रत्याशी थे. नन्द गोपाल गुप्ता के मौजूदा सरकार में होने की वजह से इसका प्रभाव उनकी खुद की और आस पास की सीटों पर भी पड़ा.
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