advertisement
पश्चिम बंगाल में दूसरे फेज की वोटिंग चल रही है और चुनावी पारा चढ़ा हुआ है. पूरे पश्चिम बंगाल चुनाव की सबसे अहम सीट नंदीग्राम में इसी फेज में वोटिंग हो रही है. ऐसे में बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओ में तनाव देखने को मिला. ममता बनर्जी ने कहा है कि 'चुनाव आयोग कोई एक्शन नहीं ले रहा है हम अब कोर्ट का रुख करेंगे.'
नंदीग्राम की चुनावी लड़ाई काफी रोमांचक हो गई है क्यों कि यहां से टीएमसी चीफ और सीएम ममता बनर्जी एक तरफ हैं तो दूसरी तरफ टीएमसी छोड़कर बीजेपी में आए कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी हैं.
वोटिंग के दिन ममता बनर्जी अपने नंदीग्राम स्थित घर से ही स्थितियों का मुआयना कर रही थी, लेकिन नंदीग्राम में टीएमसी नेताओं के बूथ कैप्चरिंग और हेराफेरी की शिकायतों के बाद वो दोपहर करीब 1 बजे अपने घर से निकल गईं. ममता ने आरोप लगाया कि- 'जो लोग नारेबाजी कर रहे हैं वो बाहर के लोग हैं. ये लोग बिहार और उत्तर प्रदेश से आए हैं. केंद्रीय बल उन्हें संरक्षण दे रहे हैं.'
नंदीग्राम में वोटिंग के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने कई सारे आरोप लगाए हैं. टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने बूथों पर धांधली की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “बीजेपी और उनके दिमाग का खेल! काम नहीं आएगा. नंदीग्राम के 354 बूथों पर टीएमसी बूथ एजेंट्स मजबूती से जमे हए हैं. हमने 10 खास बूथों के लिए शिकायतें दर्ज की हैं. मतदाताओं को प्रभावित करने और डराने के लिए सीआरपीएफ द्वारा प्रयास काम नहीं कर रहे हैं. लोगों ने ठान लिया है ममाता बनर्जी को अपने विधायक के रूप में देखना.”
इसके पहले टीएमसी ने इलेक्शन कमीशन को पत्र लिखकर कहा था कि बीजेपी शासित राज्यों की पुलिस फोर्स को बंगाल में नहीं लगाया जाना चाहिए, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो सकें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)