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पश्चिम बंगाल में अबकी बार किसकी सरकार होगी फिलहाल ये कह पाना मुश्किल हो चुका है, क्योंकि राज्य में बीजेपी और टीएमसी के बीच कड़ा मुकाबला है. दोनों ही दलों ने अब जनता के लिए अपने चुनावी वादों को घोषणापत्र के जरिए सामने रखा है. महिलाओं से लेकर नागरिकता और युवाओं को लुभाने के लिए कई वादे किए गए हैं. जहां बीजेपी हिंदू वोटर्स को टारगेट करना चाहती है, वहीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है कि वो सभी धर्मों को साथ लेकर चलना चाहती हैं. आइए देखते हैं वादों के मामले में किसका घोषणापत्र क्या कहता है.
ममता बनर्जी ने जहां अपने पिछले 10 साल के कामकाज को घोषणापत्र में गिनाया, वहीं बीजेपी ने वादों की झड़ियां लगाते हुए दिखाया कि वो कैसे पश्चिम बंगाल को नया रूप दे सकती है.
बीजेपी - बीजेपी ने कहा है कि हम परिवार में कम से कम एक सदस्य को रोजगार देने का संकल्प रखते हैं, साथ ही शिक्षित रोजगारों के लिए हर ब्लॉक में नेताजी सुभाष चंद्र बोस बीपीओ खोलने का भी वादा किया गया.
टीएमसी- टीएमसी ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि वो हर साल 5 लाख रोजगार देगी. सरकारी विभागों में 10 हजार इंटर्नशिप. 1.1 लाख खाली पदों को भरने के लिए योजना.
टीएमसी - टीएमसी ने कहा है कि विधवा महिलाओं को 1 मई से 1 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी, वहीं महिलाओं को नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण की सुविधा का भी वादा किया गया.
बीजेपी - बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में सरकार बनने पर विधवा महिलाओं को 3 हजार रुपये की पेंशन देने का ऐलान कर दिया. बीजेपी ने राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का भी वादा किया. सरकारी ट्रांसपोर्ट में महिलाओं को फ्री यात्रा का भी वादा बीजेपी ने किया.
टीएमसी - ममता बनर्जी ने पुरोहितों को 8 हजार की जगह 10 हजार रुपये का भत्ता देने का वादा किया है.
बीजेपी - बीजेपी ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए पुरोहितों को मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 30 हजार रुपये करने का वादा कर दिया. बीजेपी ने कहा कि बंगाल में किसी भी धार्मिक समारोह के लिए कोई रोक टोक नहीं होगी.
टीएमसी- टीएमसी ने अपने घोषणापत्र में तिली, तामुल और साहा समुदाय के अलावा अन्य को आरक्षण देने का वादा किया है.
बीजेपी - बीजेपी ने भी सरकार बनने पर इन सभी समुदायों को राज्य में आरक्षण का ऐलान किया है.
टीएमसी - ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि हायर एजुकेशन के लिए क्रेडिट कार्ड स्कीम लाई जाएगी, जिसमें 10 लाख रुपये तक के क्रेडिट का प्रावधान होगा. साथ ही छात्रों को टैब देने की भी घोषणा की गई. आईएएस और आईपीएस की परीक्षा के लिए 100 छात्रों को मुफ्त कोचिंग का भी वादा किया है. ममता ने टीचर ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या को दोगुना करने का भी वादा किया है.
बीजेपी - उधर बीजेपी ने लड़कियों की पूरी पढ़ाई फ्री में कराने का वादा कर दिया है. इसे बीजेपी ने केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा का नाम दिया. बीजेपी ने घोषणा पत्र में कहा है कि वो मेधावी छात्राओं के लिए 500 करोड़ रुपये के फंड का प्रावधान करेंगे.
बीजेपी - बीजेपी ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में ऐलान किया है कि पश्चिम बंगाल में तीन नए एम्स खोले जाएंगे. पहली कैबिनेट में हर गरीब को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने का भी वादा किया गया. कांदिबनी गांगुली हेल्थ इंश्योरेंस फंड के लिए 10 हजार करोड़ रुपये.
टीएमसी - ममता की टीएमसी ने 5 लाख रुपये की स्वास्थ्य साथी बीमा योजना सभी लोगों के लिए लागू करने की बात कही है. साथ ही कहा गया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को दोगुना किया जाएगा. सभी 23 जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल खोलने का वादा. डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ के सीटों की संख्या को दोगुना करना.
टीएमसी - टीएमसी ने ऐलान किया कि वो प्रति एकड़ 10 रुपये की सालाना मदद किसानों को देगी, जो अब तक 6 हजार रुपये दी जा रही है. खाद्यान और चार नकदी फसलों के उत्पादन में टॉप-5 राज्यों में चाय, जूट, आलू और तम्बाकू, हर जिले में मिनी या मेगा फूड पार्क की स्थापना
बीजेपी- बीजेपी ने भी किसानों को 10 हजार रुपये देना का वादा कर दिया, इसमें केंद्र और राज्य की योजनाओं को शामिल करने की बात कही गई. भूमिहीन किसानों को 4 हजार रुपये देने की भी बात बीजेपी ने कही है. पश्चिम बंगाल में 4 मेगा फूड पार्क बनाने का भी वादा.
टीएमसी- ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि ओबीसी, दलित और आदिवासियों को हर साल 12 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए विशेष योजना.
बीजेपी - बीजेपी ने दलित और पिछड़े वर्ग की छात्राओं को 5 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद की घोषणा की. साथ ही एससी समुदाय के लोगों को सर्टिफिकेट देने की बात कही है. गरीब समुदाय के लोगों के लिए बोर्ड बनाए जाएंगे, जिनसे उन्हें हर तरह की मदद दी जाएगी.
बीजेपी - गुरुदेव रूरल एडवांसमेंट मिशन (GRAM) के तहत 2 लाख करोड़ रुपये के फंड की व्यवस्था, जिसमें अगले पांच सालों में तमाम तरह के विकास कार्य होंगे. रूरल बंगाल में हर ग्राम पंचायत में एक बैंक की शाखा और एक एटीएम की व्यवस्था. छात्रों के रिक्रूटमेंट के लिए यंग रूरल प्रोफेशनल प्रोग्राम. उज्जवल बंगाल मिशन के तहत 30 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था, जिसका इस्तेमाल 5 सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया जाएगा. इसमें वाटर सप्लाई, गैस लाइन, इलेक्ट्रिसिटी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, ई सर्विस डिलीवरी और वाईफाई जैसी सुविधाएं शामिल हैं.
टीएमसी - बस्तियों की आबादी को 7 फीसदी से घटाकर 3.65 फीसदी किए जाने के लिए नगरीय क्षेत्रों में बांग्ला बाड़ी स्कीम के कम मूल्य वाले 5 लाख मकान बनाए जाएंगे. 47 लाख नगरीय आवासों को पाइप लाइन से पेयजल की आपूर्ति कराई जाएगी. बेहतर सड़कें और सुरक्षा को वरीयता देने का वादा.
अब इन तमाम वादों के अलावा बीजेपी ने एक और वादा किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर हमारी सरकार बनती है तो पहली कैबिनेट में नागरिकता कानून को लागू करेंगे. पश्चिम बंगाल में कई शरणार्थी ऐसे हैं, जिन्हें अब तक नागरिकता नहीं मिली है, ऐसे में बीजेपी जोर शोर से नागरकिता कानून लागू करने की बात कर रही है. लेकिन टीएमसी ने सीएए को लेकर घोषणापत्र में कोई जिक्र नहीं किया है. हालांकि इससे पहले ममता बनर्जी कई बार सीएए का खुलकर विरोध कर चुकी हैं.
इसके अलावा ममता बनर्जी जहां राज्य में मां कैंटीन के नाम से सामुदायिक कैंटीन चला रही हैं, वहीं बीजेपी ने कहा है कि राज्य में वो अन्नपूर्णा कैंटीन खोलेगी. जिसमें 5 रुपये में पूरी खाने की थाली दी जाएगी.
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