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पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम विधानसभा सीट पर टीएमसी चीफ ममता बनर्जी की हार के बाद भले ही उनके यहां से चुनाव लड़ने के फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हों, लेकिन इस इलाके के आसपास टीएमसी के प्रदर्शन को करीब से देखें तो यह फैसला गलत नजर नहीं आता.
ममता बनर्जी के पूर्व सहयोगी और इस क्षेत्र में मजबूत नेता माने जाने वाले सुवेंदु अधिकारी जब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे, तो माना जा रहा था कि नंदीग्राम के आसपास के इन 56 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी का कद और बढ़ेगा. हालांकि, यहां से 46.1 फीसदी वोट शेयर हासिल करते हुए 33 सीटें जीतकर टीएमसी ने इस अनुमान को गलत साबित कर दिया. बीजेपी को इस चुनाव में यहां 43.7 फीसदी वोट मिले हैं.
इस चुनाव के हाई प्रोफाइल मुकाबलों की बात करें, तो उनमें सबसे अहम मुकाबला नंदीग्राम का रहा, जिसमें ममता बनर्जी को बीजेपी उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी से हार का सामना करना पड़ा है. साल 2016 में अधिकारी को इस सीट पर टीएमसी उम्मीदवार के तौर पर जीत मिली थी.
साल 2007 में जब ममता बनर्जी विपक्ष की नेता थीं, तब उन्होंने नंदीग्राम और सिंगूर में औद्योगिकीकरण के लिए कृषि योग्य भूमि अधिग्रहण करने को लेकर लेफ्ट की सरकार के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई की थी.
टीएमसी के लिए नंदीग्राम कितना अहम है, इसका पता इस बात से ही चलता है कि पार्टी 14 मार्च को ‘नंदीग्राम दिवस’ के तौर पर मनाती है. 2007 में जमीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दौरान इस दिन पुलिस की गोलीबारी में मारे गए लोगों के सम्मान में वो यह दिवस मनाती है.
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