Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019West bengal election  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बंगाल हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची बीजेपी, CBI जांच की मांग

बंगाल हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची बीजेपी, CBI जांच की मांग

बीजेपी ने कहा- हमें वोट देने वाले लोगों से बदला लेना चाहती है टीएमसी

आईएएनएस
पश्चिम बंगाल चुनाव
Published:
सुप्रीम कोर्ट 
i
सुप्रीम कोर्ट 
(फोटो: iStock)

advertisement

पश्चिम बंगाल में 2 मई को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद भड़की हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर बीजेपी प्रवक्ता और सीनियर एडवोकेट गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. याचिका में कहा गया है : "पश्चिम बंगाल में, हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान और उसके बाद जघन्य हत्या, दुष्कर्म, छेड़छाड़, घोर हिंसा और राज्य में कानून व्यवस्था के पूरी तरह से टूटने जैसे गंभीर अपराधों के मामले को अदालत में लाने के लिए याचिकाकर्ता द्वारा तत्काल आवेदन को प्राथमिकता दी गई है."

बीजेपी नेता बोले- लोगों से बदला लेना चाहती है टीएमसी

भाटिया ने मीडिया रिपोर्टो का हवाला देते हुए, अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि हिंसा सीधे अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से सत्ताधारी पार्टी द्वारा प्रायोजित है, जो राज्य के उन नागरिकों से बदला लेना चाहती है, जिन्होंने तृणमूल के अलावा किसी अन्य पार्टी को वोट देकर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया.

बीजेपी नेता ने कोलकाता में एक कार्यकर्ता अविजित सरकार की 'हत्या' का भी हवाला देते हुए कहा कि यह इस बात को उजागर करने के लिए पर्याप्त है कि किस तरह से लोकतंत्र का एक 'महान नृत्य' इस समय तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में पश्चिम बंगाल में चल रहा है.

याचिका में कहा गया है, "उनकी मौत से पहले फेसबुक मोमेंट्स पर अपलोड किए गए एक वीडियो में अविजित सरकार ने बताया कि कैसे तृणमूल कार्यकर्ताओं ने न केवल उनके घर और एनजीओ में तोड़फोड़ की, बल्कि निर्दयता से निरीह पिल्लों को भी मार दिया. सरकार ने विशेष रूप से हमले और अंतत: मौत के लिए तृणमूल नेताओं को दोषी ठहराया."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बीजेपी का आरोप, किसी के खिलाफ नहीं हुआ केस दर्ज

याचिका में आगे कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि तृणमूल पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर अनुचित प्रभाव डाल रही है, क्योंकि पार्टी के किसी भी कथित कार्यकर्ता के खिलाफ अपराध के लिए कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.

याचिका के मुताबिक, “तृणमूल ने अपने राजनीतिक विरोधियों को, विशेष रूप से बीजेपी और उसके सदस्यों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए, उन्हें फासीवादियों और बड़े लोगों के रूप में लक्षित किया है.”

याचिका में सीबीआई जांच की मांग के अलावा, पश्चिम बंगाल सरकार से अपराधियों के खिलाफ पंजीकृत एफआईआर, गिरफ्तारी और इसके लिए उठाए गए कदमों के संबंध में एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग भी की गई है.

याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह इस आवेदन को स्वीकार करे और सीबीआई को आदेश जारी कर एक जांच शुरू करने और राज्यभर में तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा, हत्याओं और दुष्कर्म की घटनाओं की जांच करने का निर्देश दे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT