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लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार के आखिरी दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर 'अली-बली' का सहारा लिया. मेरठ की रैली में योगी आदित्यनाथ ने बीएसपी चीफ मायावती के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस, एसपी, बीएसपी को अली पर भरोसा है, तो हमें बजरंगबली पर भरोसा है.
बता दें, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान भी योगी आदित्यनाथ ने ‘अली-बली’ को लेकर बयान दिया था.
उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव से पहले धर्म के आधार पर वोटों की लामबंदी की पूरी कोशिशें की जा रही हैं. योगी आदित्यनाथ ने खुलकर कहा कि अगर बीएसपी को मुसलमानों के वोट मिलने चाहिए तो बीजेपी को हिंदुओं के वोट क्यों नहीं मिलने चाहिए?
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चुनाव के लिए यूपी में बना गठबंधन फेल है. उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा प्रमाण ये है कि इन दलों में अलग-अलग रहकर बीजेपी का मुकाबला करने का सामर्थ्य नहीं है. दूसरा प्रमाण ये है कि जब गठबंधन में शामिल दलों को लगा कि वे अपने परंपरागत वोट को शिफ्ट नहीं कर सकते तो मायावती और अखिलेश यादव ने सीधे-सीधे मुस्लिम कार्ड खेला है.
बीएसपी चीफ मायावती ने सहारनपुर के देवबंद में हुई गठबंधन की रैली के दौरान अपने भाषण में मुस्लिम मतदाताओं को संदेश देते हुए कहा था कि कांग्रेस कहीं लड़ाई में नहीं है, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद और बरेली मंडल में मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है, सभी जगहों पर गठबंधन और बीजेपी के बीच ही लड़ाई है. बीजेपी और कांग्रेस चाहती हैं कि मुस्लिम वोटों में बंटवारा हो जाए. इस दौरान मायावती ने मुस्लिमों से केवल गठबंधन को वोट करने की अपील की थी.
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के सहारनपुर के देवबंद में जनसभा के दौरान मुसलमानों से सिर्फ गठबंधन को वोट देने वाले बयान का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्थानीय प्रशासन से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है.
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