Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019रिश्तों को हां कहें, जातिवाद को ना कहें

रिश्तों को हां कहें, जातिवाद को ना कहें

#NoToRacism: नॉर्थ ईस्ट से आए लोगों को जो जातिवादी चीजें सुनने मिलती हैं. 

त्रिदीप के मंडल
एंटरटेनमेंट
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‘एक्सन’ की कास्ट. 
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‘एक्सन’ की कास्ट. 
(फोटो: इरम गौर / द क्विंट) 

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21 मार्च

ये दिन भी किसी और नॉर्मल दिन की तरह हो सकता था. लेकिन सीमाओं, रंग, पंथ और राष्ट्रीयता से विभाजित दुनिया में इस दिन का खास महत्व है. क्योंकि 21 मार्च को नस्लीय भेदभाव को खत्म करने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है.

1960 में इसी दिन दक्षिण अफ्रीका के शार्पविले में पुलिस ने गोली चलाई और रंगभेद के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे 69 लोगों की हत्या कर दी.

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यहां इंडिया में हमें इस बात की गंदगी का अहसास 2014 में हुआ. उस साल जनवरी की ठंडी रात में अरुणाचल प्रदेश के एक लड़के निदो तानिया का दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में मजाक उड़ाया गया था. सात लोकल लोगों ने निदो के रंगीन बालों और रूप का मजाक उड़ाया. जब उसने विरोध किया तो उसकी पिटाई की गई. अगले दिन उसने दम तोड़ दिया.

नॉर्थ ईस्ट के लोग जो हमारे देश के शहरों में रहते हैं, वो लगभग हर रोज इस नस्लवाद को झेलते हैं. उन्हें ताना मारा जाता है, हंसी उड़ाई जाती है, उनके लुक्स, ड्रेसिंग सेंस और खान-पान के लिए नाम दिए जाते हैं. उन्हें बाहर का माना जाता है, इंडियन नहीं.

एक बॉलीवुड की नई फिल्म 'एक्सन', इस ही पर आधारित है. इस फिल्म को निकोलस खर्कोंगोर ने लिखा और डायरेक्ट किया है और फिल्म में शायोनी गुप्ता, लिन लेशराम, तेनजिन दलहा, विनय पाठक और डॉली आहलूवालिया हैं.

और ये लोग 'द क्विंट' के इस वीडियो के लिए एक साथ आए हैं, जिसमें एक सिंपल सा मैसेज है, 'रिश्तों को हां कहें, जातिवाद को ना कहें'.

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