advertisement
एक दौर था, जब भोर की शुरुआत आमतौर पर प्रभु के भजन से ही होती थी. भजन भी कैसे-कैसे...ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन. जग में सुंदर हैं दो नाम. प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी. 80 के दशक में उत्तर भारत के घर-घर में गूंजने वाले कई भजनों को अपनी मधुर आवाज दी गायक अनूप जलोटा ने. 29 जुलाई को अनूप जलोटा का बर्थडे है. इसी बहाने हम उनके गाए चुनिंदा भजनों को फिर से गुनगुना रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)