बॉलीवुड...तुमसे हॉरर ना हो पाएगा!

बॉलीवुड ने हॉरर में कई बार हाथ आजमाया है लेकिन हम बेचारे दर्शकों की झोली में सिर्फ निराशा ही आई है. 

नेहा यादव
एंटरटेनमेंट
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डरो यार, डरना जरूरी है (फोटो: फेसबूक/Ek Thi Daayan/Alone/BollywoodHorrorMovies)
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डरो यार, डरना जरूरी है (फोटो: फेसबूक/Ek Thi Daayan/Alone/BollywoodHorrorMovies)
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बॉलीवुड में यूं तो कई हॉरर फिल्में बनीं हैं लेकिन अगर हम वर्तमान समय में बॉलीवुड की हॉरर फिल्मों की बात करें तो निराशा ही हाथ लगती है.

इन फिल्मों में भद्दे स्पेशल इफेक्ट्स, बी-रेट एक्टर्स, घटिया थ्रिल और सेक्स ही फोकस होता है. वाकई टीएस एलियट के नाम पर बनी ये फिल्में शर्मिंदगी का ही अहसास कराती हैं.

बहरहाल बड़े सितारों ने भी हॉरर फिल्म्स में काम करना शुरु कर दिया है. लगातार घनघोर अंधेरा और जानबूझकर जोर-जोर से बोलना और थ्रिलर पैदा करना ही नहीं बल्कि अगर एक हॉरर फिल्म में आप दर्शकों को सीटियां बजाते देखना चाहते हैं तो उसके लिए रेज़र जैसी तेज धार और इन सब पर सटीक नियंत्रण होना जरूरी है.

एक हॉरर फिल्म में बेकार के स्पेशल इफेक्ट्स से बुरा कुछ भी नहीं हो सकता. बॉलीवुड में बनने वालीं हॉरर फिल्मों का बजट इतना ज्यादा नहीं होता कि स्पेशल इफेक्ट्स से दृश्यों को प्रभावी बनाया जा सके.

इस तरह की कोशिश से ये बिना किसी इंटेशन के मजाकिया ही बन जाते हैं.

विक्रम भट्ट की फिल्म ‘Creature 3D’ में भी कुछ ऐसा ही हआ था.
इसी तरह आप कन्नन अय्यर की फिल्म ‘एक थी डायन’ में भी हुआ था. 
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मेनस्ट्रीम सिनेमा में काम करने वाले कुछ और एक्टर्स ने भी इसी तरह की हॉरर फिल्मों में काम किया है. बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों को ताक पर रखे जाने की धारणा है, शायद इस तरह की फिल्में इसलिए भी कम बनती हैं क्योंकि बड़े सितारों के नाम इनसे बहुत कम जुड़ते हैं.

चाहे अच्छा हो या बुरा, दर्शक अपने पसंदीदा सितारों को देखने के लिए थिएटर जाते ही हैं. बड़े और पॉपुलर सितारों के इन हॉरर फिल्मों में काम करने से निश्चित तौर पर हॉरर की लोकप्रियता में इजाफा होगा.

इससे हॉरर फिल्मों की ना केवल संख्या बल्कि क्वालिटी भी बढ़ेगी. इसके लिए डायरेक्टर्स को भी आगे आना होगा, उन्हें हॉरर फिल्मों में बिपाशा बासु के अलावा दूसरे सितारों को भी कास्ट करना होगा.

विक्रम भट्ट ने ‘राज 3’ में बिपाशा को ही कास्ट किया. 
इसके बाद दोबारा ‘Creature 3D’ में विक्रम ने बिपाशा को ही लिया.
करन सिंह ग्रोवर के साथ ‘अलोन’ में भी बिपाशा ने ही काम किया.

ऐसी फिल्मों को कहें ना

फिल्मों में सेक्स वाकई बेहद अनकम्फर्टेबल होता है. जितनी हमारी पॉपुलेशन है उस हिसाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमें सेक्स के बारे में भरपूर जानकारी है. लेकिन मेनस्ट्रीम सिनेमा में हम अभी भी सेक्स को ना तो इस तरह डिस्कस कर सकते हैं और ना ही दिखा सकते हैं.

बहरहाल, इन फिल्मों में सेक्स को ज्यादा एक्सप्लोर करने, बहुत भड़कीला दिखाने से बेहतर है कि उसे हॉरर का सही रूप दिया जाए. इन फिल्मों के पोस्टर्स देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं.

*हफ्फ...खैर*

हॉरर फिल्मों के फैंस के पास अपनी डिमांड्स के लिए एक पूरी लॉन्ड्री लिस्ट मौजूद है- अपनी हॉरर फ्रेंचाइजी, म्यूजिकल स्कोर्स, हॉरर कॉन्स जो वाकई किसी फिल्म को हिट बनाती हैं. लेकिन फिलहाल के लिए ये तीन सिंपल स्टेप्स ही काफी हैं.

उम्मीद है कि हॉरर फिल्म बनाने वाले निर्माता-निर्देशक और अभिनेता भी इन बातों को समझेंगे और हॉरर फिल्मों में सिर्फ चीख-चिल्लाहट और सेक्स ना परोसकर असल हॉरर प्रस्तुत करेंगे.

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