Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Bollywood Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘गंदी बात’ सीजन 2 में महिलाओं को सामान की तरह पेश किया गया है

‘गंदी बात’ सीजन 2 में महिलाओं को सामान की तरह पेश किया गया है

सीरीज की टैगलाइन ‘नया साल, नया माल’ अपने आप में सारी कहानी बयां करती है.

स्तुति शुक्ला
बॉलीवुड
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Alt Balaji’s Gandii 2 Review:‘गंदी बात’ सीजन 2 में महिलाओं को सामान की तरह पेश किया गया है</p></div>
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Alt Balaji’s Gandii 2 Review:‘गंदी बात’ सीजन 2 में महिलाओं को सामान की तरह पेश किया गया है

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एएलटी बालाजी की विवादास्पद और 'बोल्ड' वेब सीरीज 'गंदी बात' का लेटेस्ट सीजन, महिलाओं और सेक्सुएलिटी के मामले में बरसों पीछे चला गया है. 'गंदी बात' के दूसरे सीजन में 50 मिनट की चार कहानियां हैं. इन कहानियों के जरिए हमें उन टैबू को दिखाने का प्रयास किया गया है, जिनका गांवों में महिलाएं सामना करती हैं.

इस सेक्सुअल वेब सीरीज के पहले सीजन की पॉपुलैरिटी को देखते हुए, मैंने इसका दूसरा सीजन देखने की सोची. हालांकि पहला सीजन कोई खास नहीं था. इस सीरीज से मेरी उम्मीदें जीरो थीं और सोचो, ये मेरी उम्मीदों से भी बेकार निकला.

(फोटो: YouTube Screenshot/ALTBalaji)शो की टैगलाइन है- ‘नया साल, नया माल’

पहले सीजन में हमें महिला सशक्तिकरण और यौन मुक्ति के नाम पर 'सॉफ्ट पॉर्न' परोसा गया था. बस अंतर ये है कि ये सीजन फिर भी झेला जा सकता है. शो की टैगलाइन 'नया साल, नया माल' अपने आप में सारी कहानी कहती है.

दूसरे सीजन के सभी एपिसोड में महिलाओं के प्रति नफरत, न्यूडिटी और खराब भाषा का इस्तेमाल किया गया है

पेश है एक अनचाहा लेस्बियन अफेयर

'गंदी बात' के दूसरे सीजन में जो नई चीज देखने को मिली है, वो ये कि इसके शुरुआती दो एपिसोड में समलैंगिकता को दिखाया गया है. 'बाई सेक्सुअल' और 'जुदाई महल' नाम के इन एपिसोड में दो महिलाओं के बीच पनपता रोमांस दिखाया है. लेकिन एक प्रगतिशील कहानी लाइन दिखने की बजाय, समलैंगिकता कहानी में जबरदस्ती की डाली हुई लगती है.

‘गंदी बात’ में समलैगिंकता भी दिखाई गई है.(फोटो: YouTube Screenshot/ALTBalaji)

पहले एपिसोड की बात करते हैं.

कहानी के हीरो वैभव का उसकी पत्नी नीता और घर में काम करने वाली सजीली से सेक्सुअल रिश्ते हैं. उसका दोनों से एक-एक बच्चा है. और हां, बच्चों का नाम करण और अर्जुन है, क्योंकि बॉलीवुड के जिक्र के बिना एकता कपूर की सीरीज क्या करेगी? है ना!

फिर नीता को अपने पति के अफेयर का पता चलता है और वो सजीली से जाकर इसके बारे में पूछती है. तभी कहानी में सभी लॉजिक और भावनाओं को मार दिया जाता है. लड़ने और बहस करने की बजाय, नीता और सजली इंटीमेट हो जाती हैं, क्योंकि ऐसी स्थिति में आम इंसान यही तो करता है! है ना?

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'गंदी बात' सीजन 2: महिलाओं के प्रति नफरत 2.0

इस सीरीज में बॉलीवुड का जिक्र सिर्फ करण और अर्जुन के साथ ही खत्म नहीं होता. पूरे सीजन में, बैकग्राउंड में कई आइटम सॉन्ग सुनाई देते हैं. 'गुरु' फिल्म के 'मइया मइया' से लेकर 'शूटआउट एट वडाला' के 'लैला तुझे लुट लेगी' तक, सीरीज में गाने ही गाने हैं.

महिलाओं को वस्तु की तरफ दिखाया गया(फोटो: YouTube Screenshot/ALTBalaji)

सीरीज में पहले मिनट से ही महिलाओं को वस्तु की तरफ दिखाया गया. फिर चाहे डायलॉग हों, कैमरा शॉट या इसकी कहानी, सीरीज में सेक्सिज्म हर जगह है. सीजन में सबसे दिक्कत वाली बात है कि कैमरे का फोकस केवल महिलाओं के शरीर पर है. फिर चाहे कोई सेक्सुअल सीन हो या आम, ऐसा दिखाई पड़ता है कि पूरी कहानी ही उसके इर्द-गिर्द बुनी गई है.

अगर हम ‘गंदी बात’ से ऐसे सभी सीन को हटा दें तो सीरीज दो घंटे से भी कम में खत्म हो जाएगी

ट्विस्ट के साथ स्वयंवर

नए सीजन के साथ ही शो की कल्पना एक कदम आगे पहुंच गई है. अब इसमें महिलाएं एक मटकी से कंघी चुनकर ये तय कर रही हैं कि वो किसके साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाना चाहती हैं.

आखिरी एपिसोड में गांव की एक अजीब परंपरा को दिखाया गया है(फोटो: YouTube Screenshot/ALTBalaji)

आपने सही सुना! एक कंघी!

सीजन के आखिरी एपिसोड, 'लव, सेक्स एंड बिट्रेयल' में गांव की एक अजीब परंपरा को दिखाया गया है. यहां सरपंच अविवाहित महिलाओं को दो दिनों के लिए दूसरे आदमी के साथ सोने का मौका दे रहा है, ताकि वो आपसी सेक्सुअल केमिस्ट्री चेक कर सकें. महिला कंघी उठाकर इसका चुनाव करती है.

महिलाओं की सहमति इसमें पार्टनर के दिए हुए फूल के पहनने से दिखाई गई है. भई, देश के कौन से गांव में ऐसी अजीबोगरीब रस्में होती हैं?

(याद रखें: इन कहानियों को भारतीय गांवों की 'अफवाह वाली सच्चाई' बताया गया है)

क्या देखने लायक है?

मैं कहूंगी कि 'गंदी बात' का दूसरा सीजन देखने से बेहतर है आप कोई और सीरीज देख लें.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 14 Jan 2019,10:14 PM IST

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