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कभी मिलो तो सिखाऊं गाली कैसे देते हैं-आलोचकों से बोले अनुभव सिन्हा

‘मैंने ऑडियंस को पसंद आने वाली फिल्में बनाना बंद कर दिया. मैं वो फिल्में बनाता हूं अब जो मेरा दिल करता है’

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बॉलीवुड
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समाज में फैले जातिवाद को दिखाती है अनुभव सिन्हा की ‘आर्टिकल 15’
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समाज में फैले जातिवाद को दिखाती है अनुभव सिन्हा की ‘आर्टिकल 15’
(फोटो: इंस्टाग्राम)

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डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की फिल्म 'आर्टिकल 15' को काफी तारीफें मिल रही हैं. आयुष्मान खुराना स्टारर ये फिल्म बदायूं में हुए गैंगरेप और मर्डर पर आधारित है. इस फिल्म को रिलीज होने से पहले काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों और करणी सेना ने डायरेक्टर की जुबान काटने और उनका गला तक काटने की धमकी दे डाली थी.

सोशल मीडिया पर लोग उनकी आलोचना कर रहे थे, गालियां दे रहे थे. ऐसे लोगों के अनुभव सिन्हा ने जवाब देते हुए कहा था कि गालियों का ट्यूशन वो उन्हें ज्यादा अच्छे से दे सकते हैं.

हाल ही में बॉलीवुड हंगामा के साथ हुए इंटरव्यू में जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो अनुभव सिन्हा ने कहा,

मैं उस शहर से हूं, जहां से गालियां पैदा होती है, जहां गालियों का साहित्य है. ट्वीट करने वाले लोगों को गालियां भी नहीं आती. अगर वह कभी मिलें तो, मैं उन्हें ऐसी-ऐसी गालियां सिखाऊं कि वो गालियों की कविता लिखने लगें.

अनुभव सिन्हा ने कहा कि वो चाहें तो सोशल मीडिया पर भी आलोचकों को गालियां दे सकते हैं लेकिन जब भी गाली टाइप करने जाते हैं अमिताभ बच्चन का चेहरा सामने आ जाता है. अनुभव के मुताबिक अगर उन्होंने गालियां दीं तो अमिताभ और बाकी बड़े लोग क्या सोचेंगे, जो उन्हें ट्विटर पर फॉलो करते हैं.

अनुभव सिन्हा ने एक ओर ‘रा.वन’ और ‘दस’ जैसी फिल्में डायरेक्ट की हैं, जिसे क्रिटिक्स से तारीफ नहीं मिली थी, वहीं उन्होंने ‘मुल्क’ और ‘आर्टिकल 15’ का निर्देशन किया है, जिसे क्रिटिक्स और ऑडियंस दोनों ने खूब सराहा है. क्रिटिक्स से इतनी तारीफ मिलने पर अनुभव ने कहा कि उन्होंने अब लोगों को खुश करने वाली फिल्में बनाना बंद कर दिया है.

मैंने राईटिंग को मैन्यूपुलेट करना बंद कर दिया. मैंने ऑडियंस को पसंद आने वाली फिल्में बनाना बंद कर दिया. मैं वो फिल्में बनाता हूं अब जो मेरा दिल करता है. उससे एक प्योरिटी आती है जो ऑडियंस को कनेक्ट करती है. पिछले दो सालों से मैंने ये सोचना बंद कर दिया कि उनको अच्छा लगेगा कि नहीं. मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि मुझे क्या कहना है और जब आप पूरी ईमानदारी से किसा बात को कहते हैं तो लोग आपको सुनते हैं कि हां ये आदमी ये बात अपने मन से कह रहा है. और अच्छी बात ये हुई कि ‘मुल्क’ हो या ‘आर्टिकल 15’, दोनों से लोगों ने एग्री किया.
अनुभव सिन्हा ने बॉलीवुड हंगामा से कहा
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अनुभव सिन्हा की ये दूसरी फिल्म है, जो लीग से हटकर कही जा रही है. इससे पहले वो 'मुल्क' बनाकर भी लोगों के दिलों को जीत चुके हैं. इस फिल्म में आज की सच्चाई दिखाई गई थी और 'आर्टिकल 15' भी इस दुनिया की कड़वी सच्चाई से रूबरू कराती है.

सिन्हा ने कहा कि उन्होंने फिल्म में सच्चाई दिखने के साथ-साथ उसे थोड़ा एंटरटेनिंग भी रखा ताकि लोग 2 घंटे थियेटर मैं बैठे बोर ना हों. ‘लोग फिल्म की बात को भी पकड़े और फिल्म को देखकर ये ना सोचें की इसके बजाय हम कोई किताब ही पढ़ लेते या डॉक्यूमेंट्री ही देख लेते.’

उन्होंने अलग प्रकार की मेनस्ट्रीम बनाने की कोशिश की जिसमें उनके राईटर गौरव सोलंकी ने पूरा साथ दिया है.

'आर्टिकल 15' ने बॉक्स ऑफिस पर अब तक 34.21 करोड़ की कमाई कर ली है. सिनेमाघरों में शाहिद कपूर की फिल्म 'कबीर सिंह' के होने के बावजूद ये फिल्म अच्छा परफॉर्म कर रही है.

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