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बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर आज 33 साल के हो गए हैं. अर्जुन ने काफी कम समय में फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना ली है. सिर्फ 6 सालों में उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री को कई फिल्में दी हैं. इश्कजादे से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले अर्जुन ने जहां एक तरफ '2 स्टेट्स' जैसी फिल्में की हैं, वहीं ऐसी भी कई फिल्में हैं, जिसे दर्शकों ने साफ नकार दिया.
अर्जुन के फिल्मी सफर में ऐसी कई फिल्मों के नाम जुड़े हैं जिनकों करने का शायद उन्हें अपनी जिंदगी में मलाल जरुर रहेगा. आईये जानते हैं अर्जुन की कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में जो अर्जुन के करियर के लिए गलत साबित हुईं.
चेतन भगत की किताब पर बनी फिल्म हाफ गर्लफ्रेंड को लोगों ने कुछ खास पसंद नहीं किया. शायद अर्जुन कपूर जब-जब बिहारी बोलने की कोशिश करते हैं, तब उन्हें देखकर आप सिर पकड़ लेंगे.
लेकिन सच में ये हाफ गर्लफ्रेंड करती क्या है? ये सवाल फिल्म के आखिर तक आपको परेशान करता रहेगा. सच पूछो तो फिल्म देखकर ऐसा लगा कि हाफ गर्लफ्रेंड को कभी घर से बाहर अकेले नहीं निकलने देना चाहिए, क्योंकि उसे इलाज की जरूरत है एक हाफ ब्वॉयफ्रेंड की नहीं!
श्रद्धा कपूर के गालों पर डिंपल तो ठीक है, लाल होंठ भी अच्छे लगते हैं, लेकिन बतौर अर्जुन कपूर बोले तो माधव झा की हाफ गर्लफ्रेंड, वो दिमाग खराब करती है. दूसरे तरीके से समझाएं तो ये जोड़ी चेतन भगत की दुनिया में ही ठीक लगती है. लड़का बिहारी ऐसे बोलता है जैसे उसके गले में लिट्टी फंस गई हो, और लड़की सिर्फ एक गाना गाकर सिंगर बनने के सपने संजोए बैठी है.इतना सोशल ज्ञान! वैसे फिल्म भी पहले सीन से आखिरी सीन तक इसी लायक है कि आप बाथरूम ब्रेक पर रह सकते हैं
यशराज फिल्म्स की अली अब्बास जफर निर्देशित 'गुंडे' देखते समय आठवें दशक की फिल्मों का याद आना लाजमी है. ये कहानी है उन दोस्तों कि जो दोस्ती में एक-दूसरे के लिए जान देने की कसमें खाने वाले दुश्मनी होने पर एक-दूसरे की जान लेने पर उतारु हो जाते हैं. इमोशन, एक्शन, दुश्मनी, दोस्ती, नाच-गाना और डायलॉग डिलीवरी सब हल्की नजर आती है.
'मुबारकां' में पहली बार अर्जुन कपूर और अनिल कपूर की जोड़ी नजर आई.'मुबारकां' देखने के लिए आप दिल-दिमाग घर पर छोड़कर जा सकते हैं. अर्जुन कपूर की ऐसी कॉमेडी, जिसमें आपको अपना पेशेंस लेवल चेक करना पड़ेगा. निश्चित ही इसमें अनिल कपूर और डबल रोल में अर्जुन कपूर ने उन्हें अच्छा सहयोग दिया, लेकिन चाचा-भतीजे की जोड़ी ने दर्शकों को निराश कर दिया था.
अर्जुन कपूर, सोनाक्षी सिन्हा स्टारर फिल्म तेवर पूरी तरह फिल्मी थी. कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म शुरू से लेकर आखिर तक फुल बॉलीवुड स्टाइल में बनाई गयी थी. एक्शन, ड्रामा, रोमांस, डांस सबकुछ फिल्मी था. जैसा कि आमतौर पर फिल्मों में दिखाया जाता है कि कुछ हो जाए, लेकिन अंत में हीरो को जिंदा रहना है चाहे उसे गोली लगे या चाकू, वैसा ही कुछ तेवर में भी दिखाया गया था. इसलिए ये फिल्म कम नाटक ज्यादा लगती है.
औरंगजेब’ फिल्म की कहानी गुड़गांव के लैंड−माफिया और पुलिस के इर्द-गिर्द घूमती है, इस कहानी में दो परिवारों की जंग है, जो जमीनों की खरीद-फरोख्त में अपना साम्राज्य कायम करने की कोशिश करते हैं.फिल्म में अर्जुन कपूर डबल रोल में हैं. एक परिवार पुलिस ऑफिसर विक्रांत यानी ऋषि कपूर का, जो खुद एक पुलिस ऑफिसर हैं. उनके परिवार में सभी पुलिस विभाग के अलग−अलग पदों पर काम करते हैं. दूसरा परिवार है, यशवर्धन यानी जैकी श्रॉफ का, जो लैंड-माफिया है. ये कहानी षड्यंत्र और खून-खराबे से भरी पड़ी है. कहानी बहुत ही पेंचीदा थी कि दर्शकों को आसानी से समझ आना मुश्किल थी.
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