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बॉलीवुड का वो दौर जब फिल्म का हीरो सीधा-साधा सा इंसान बनकर हिरोइन के साथ रोमांस करता था. उस दौर में पर्दे पर एक ऐसे नायक का उदय हुआ, जिसने अपने एक्शन और स्टंट से तहलका मचा दिया. आगे चलकर वो नायक बॉलीवुड का 'हीमैन' बन गया. जी हां हम बात कर रहे हैं धर्मेंद्र की जो आज अपना 83वां जन्मदिन मना रहे हैं.
एक्शन ही नहीं इस नायक की खूबसूरती के दिलीप कुमार भी कायल थे, तभी तो एक बार उन्होंने कहा था कि अगर मुझे खुदा मिलें तो मैं शिकायत करूंगा कि मुझे वैसा क्यों नहीं बनाया.
फिल्म अनुपमा का नौजवान लेखक अशोक हो, बंदिनी का डॉक्टर या शोले का वीरू उनकी बेहतरीन फिल्मों की लिस्ट काफी लंबी है. 1966 में आई फिल्म फूल और पत्थर के बाद तो देश में उनके नाम की ऐसी लहर चली कि पूरे मुल्क में वो मशहूर हो गए. इस फिल्म में पहली बार किसी इंडियन एक्टर ने कमीज उतारकर अपना सीना दिखाया था, जबकि उस दौर में किसी एक्टर का कमीज उतारना, एक रिस्क के तौर पर देखा जाता था.
धर्मेंद्र की पर्सनालिटी में ऐसी खूबी थी कि वो एक पल में सीधे, निर्मल, शीतल, खामोश और शर्मीले इंसान के किरदार में नजर आते हैं, तो दूसरे पल में वो हीमैन बनकर विलेन पर लात-घूसे बरसाते हैं.
शोले जैसी फिल्मों में धर्मेंद्र को एक ऐसे एक्टर के तौर पर दिखाया गया, जो बोलता कम और मारता ज्यादा है. वह देसी है और किसी भी विलेन को पछाड़ सकता है. वहीं 75 साल की उम्र में फिल्म यमला पगला दीवाना में धरम सिंह बनकर दर्शकों को खूब हंसाया, उनके के जोश में जरा भी कमी नहीं दिखी.
धर्मेद्र और हेमा ने बर्निंग ट्रेन, शोले, नसीब और ड्रीम गर्ल जैसी फिल्मों में साथ काम किया था. 1979 में दोनों शादी के बंधन में बंधे.
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