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पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर सिर्फ एक ही नाम छाया हुआ है – दिलजीत दोसांझ, जिसे देखो, चाहे वो कोई एक्टर हो या कॉमेडियन हर किसी की जुबान पर दिलजीत दोसांझ का नाम है. कंगना ने जब किसानों के आंदोलन और शाहीन बाग की दादी बिल्किस बानो पर ट्वीट किया था , तो दिलजीत ने भी उन्हें ट्वीट कर करारा जवाब दिया था. इसके बाद चले ट्विटर संग्राम में दिलजीत कंगना पर भारी पड़े.
दिलजीत दोसांझ उन किसानों को खुलकर समर्थन दे रहे हैं जो केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. अब दिलजीत ने खुद सिंघु बॉर्डर पहुंचकर किसानों का हौसला बढ़ाया है और कहा है कि आप लोगों को आगे की कई पीढ़ियां याद करेंगीं.
टैलेंट से भरे इस पिटारे , दिलजीत को हमने तब जाना जब उनकी बॉलीवुड फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ सुपर हिट हुई थी. आइए देखते हैं कैसा था दिलजीत का पंजाब के हिट सिंगर से लेकर बॉलीवुड तक का सफर.
जालंधर के एक छोटे से गांव मे पैदा हुए दलजीत ने लुधियाना से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की. गाने मे उनकी काफी रुचि थी और इसलिए उन्होंने हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत भी सीखा और गुरबानी और सिख भजन गाते रहे.
दोसांझ ने 20 की उम्र मे अपना पहला म्यूजिक एलबम रिलीज किया था, जिसका नाम था ‘इश्क डा उड़ा अदा’, और तभी उन्होंने अपना नाम बदलकर दलजीत कर दिया था. इस एलबम के टाइटल सॉन्ग का एक म्यूजिक वीडिओ भी बनाया गया, लेकिन दिलजीत उसमें कहीं भी दिखाई नहीं दिए. रिलीज के बाद दिलजीत की ये एलबम ज्यादा चली नहीं और बहुत जल्द ही फीकी पड़ गई.
लेकिन इस एक असफलता ने दिलजीत को अपने सपने पूरे करने से नहीं रोका, फिर उन्होंने सिखों और उनके गौरव को लेकर गाने बनाना शुरू किया जिसके कारण उन्हें काफी लोग जानने लगे.
2009 मे ही उनकी एक और एलबम रिलीज हुई जो कि उनके पुराने कामों से काफी ज्यादा अलग थी. इसी गाने का उन्होंने ‘पंगा’ म्यूजिक वीडियो भी बनाया जिसमे हनी सिंह भी नजर आए थे. लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे दिलजीत के गाने नशे और हिंसा की और बढ़ने लगे.
जब पंजाब मे बंदूकों और हिंसा का चलन बढ़ने लगा, तब दिलजीत भी इस विवाद में घिर गए. कहा गया कि इस चलन बढ़ने में दिलजीत का भी हाथ है. 2018 मे इंडिया न्यूज पंजाब को इंटरव्यू देते हुए दिलजीत तब अपना आपा खो बैठे जब एक पत्रकार ने उनसे उनकी फिल्म के पोस्टर के बारे मे पूछा, जिसमें वो बंदूक पकड़े खड़े हैं. उनका कहना था “जब तक हमारे हाथों मे हथियार नहीं होंगे तब तक हमें हमारा हक नहीं मिलेगा”. इस बात से दिलजीत का सीधा मतलब जमीनी झगड़े से था जो कि पंजाब में बहुत ही आम बात है.
जब फिल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा ने भी दिलजीत से इस बारे में बात की, तब भी उन्होंने उनकी इस बात को टाल दिया. उन्होंने तब कहा,
2011 में दिलजीत मे गुड्डू धन्वा की फिल्म ‘द लायन ऑफ पंजाब’ मे काम कर फिल्मी जगत मे पहली बार कदम रखा था, लेकिन ये फिल्म ज्यादा चली नहीं और फ्लॉप हो गई. इसके बाद हनी सिंह ने प्रोड्यूस किया दिलजीत का गाना “लक 28 कुड़ी दा” BBC एशियन डाउनलोड चार्ट का वो पहला गाना बना जिसे कि किसी नॉन-बॉलीवुड सिंगर ने गाया था.
दिलजीत की पहली हिट फिल्म थी 2011 मे मंदीप सिंह की बनाई ‘जिन्हे मेरा दिल लुटिया’, जिसमें गिप्पी ग्रेवाल नजर आए थे. दिलजीत और गिप्पी दोनों को इस फिल्म में किए गए अभिनय के लिए सराहा गया था.
2016 मे आई उनकी ‘अंबरसरिया और सरदार जी’ 2 ने उन्हे पंजाब का ‘मोस्ट बैंकेबल स्टार’ भी बना दिया.
2016 मे ‘उड़ता पंजाब’ की रिलीज के साथ अब दिलजीत भी नेशनल प्लेटफॉर्म पर आकर खड़े हो चुके थे. पंजाब पुलिस के एक भ्रष्ट अफसर का किरदार निभाते देख लोग उनकी और उनकी ऐक्टिंग की दीवाने हो गए. उसके बाद उन्होंने अनुष्का शर्मा के साथ उनकी फिल्म ‘फिल्लौरी’ में काम किया. उनके इस लोक गायक के किरदार को भी जनता ने काफी ज्यादा पसंद किया.
सूरमा, अर्जुन पटियाला , डिस्को सिंह जैसी और काई सारी ऐसी फिल्में हैं, जिनमें दिलजीत ने काम किया है और हर बार हमें उनकी ऐक्टिंग मे कुछ नया, अलग और रोमांचक देखते को मिला है.
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