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दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म ‘बाटला हाउस’ की रिलीज पर रोक लगाने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने फिल्म नहीं देखी है, ऐसे में वह किस आधार पर रोक लगाने की मांग कर सकता है.
मुख्य न्यायधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा,‘‘ फिल्म के बारे में आपत्तिजनक क्या है? आपने (याचिकाकर्ता और उनके वकीलों ने) तो फिल्म ही नहीं देखी है. केवल ट्रेलर से कुछ नहीं किया जा सकता. ऐसी स्थिति में हमें आपको क्यों सुनना चाहिए ?’’
पीठ का रुख देख उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ निवासी याचिकाकर्ता की याचिका वापस ले ली गयी.
बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में मुकदमे का सामना कर रहे अरिज खान और इसी मामले में उम्रकैद की सजा के खिलाफ याचिका दायर करने वाले शहजाद अहमद पहले ही इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध करत हुये याचिका दायर कर चुके है. इनका कहना है कि फिल्म का प्रदर्शन होने से उनके मामले की सुनवाई प्रभावित होगी.
खान और अहमद 2008 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार धमाकों के मामले में भी मुकदमे का सामना कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि फिल्म से मामले की सुनवाई पर असर होगा.
उनकी याचिका पर एकल न्यायाधीश सुनवाई कर रहे हैं जो 13 अगस्त को आगे सुनवाई करेंगे.
जब याचिकाकर्ता के वकील आमिर राशदी मदनी ने अपनी अर्जी एकल न्यायाधीश के पास ले जाने की छूट मांगी लेकिन पीठ ने ऐसी राहत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा, ‘‘ यदि आप इसे वापस लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं. लेकिन हम आपको कोई छूट नहीं देंगे।’’
जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि इस फिल्म में आजमगढ़ के खान, और उस इलाके (बाटला हाउस) में रहने वाले अहमद और अन्य पर प्रश्न चिह्न खड़ा किया गया है.
उसमें यह भी दावा किया गया था कि यह फिल्म वास्तविक एवं सही तथ्यों पर आधारित नहीं है , सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए तथ्यों के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ की गयी है. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि फिल्म से मुसलमानों की धार्मिक भावना आहत होगी.
बाटला हाउस मुठभेड़ 19 सितंबर 2008 को हुई थी. खबर मिली थी कि 13 सितंबर 2008 को राष्ट्रीय राजधानी में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों में कथित तौर पर शामिल आतंकवादी दक्षिण दिल्ली के जामियानगर में बाटला हाउस के एक फ्लैट में छिपे थे. इसके बाद 19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के एक दल ने फ्लैट पर छापेमारी की थी.
इस दौरान हुई मुठभेड़ में एक पुलिस इन्स्पेक्टर एम सी शर्मा मारे गए थे. यह फिल्म स्वतंत्रता दिवस पर सिनेमाघरों में प्रदर्शित होनी है.
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