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इरफान खान के लिए 2018 काफी दर्द भरा रहा. अपनी बीमारी से लड़ते इरफान ने कई बार सोशल मीडिया पर भी अपना दर्द अपने फैंस से साझा किया. जयपुर में पैदा हुए इरफान ने बॉलीवुड में जो मुकाम हासिल किया, उसके पीछे उनकी सालों की मेहनत है. जयपुर के रंगमच से बॉलीवुड के पर्दे तक चमकने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. आज इरफान खान के जन्मदिन पर पढ़िए उनके क्रिकेटर से एक्टर बनने का सफर.
इरफान बचपन में क्रिकेटर हुआ करते थे, सीके नायडू ट्राफी में वो खेल चुके हैं. इरफान के घर का ऐसा माहौल था कि टीवी और सिनेमा देखने की इजाजत नहीं थी. इरफान क्रिकेट तो खेलते ही थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी नाटकों में भी दिलचस्पी होने लगी.
वो गली-मोहल्ले में नुक्कड़ नाटक करने लगे. इरफान का ये शौक उन्हें जयपुर के रबिंद्र मंच तक ले आया. जहां से वो पहुंचे दिल्ली के एनएसडी. एनएसडी से एक्टिंग ट्रेनिंग लेने के बाद इरफान पहुंचे मुंबई और यहां से शुरू हुआ उनका स्ट्रगल.
एक दौर ऐसा था कि रोजी-रोटी के लिए इरफान हर तरह के किरादर करने लगे, कई टीवी शोज और फिल्मों में उन्होंने छोटे-छोटे रोल किए. 1990 में आई फिल्म ‘एक डॉक्टर की मौत’ में उनका एक छोटा सा रोल था, जिसे लोगों ने नोटिस तो किया, लेकिन उन्हें कुछ खास सफलता नहीं मिली.
इरफान की किस्मत बदली 2002 में रिलीज हुई आसीफ कपाड़िया की फिल्म द वारियर से. इस फिल्म में इरफान को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान दिलाई. इसके बाद 2003 में इरफान की फिल्म हासिल और मकबूल रिलीज हुई. इन दोनों ही फिल्मों ने इरफान को बॉलीवुड में शोहरत दिलाई.
2003 के बाद इरफान के करियर की गाड़ी निकल पड़ी और उन्होंने बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड में भी अपने एक्टिंग का जलवा बिखेरा. इरफान जुरासिक पार्क सीरीज की जुरासिक वर्ल्ड में भी नजर आए. इरफान की दमदार अदाकारी के लिए उन्हें 2011 में पद्मश्री से नवाजा गया.
इरफान ने पान सिंह तोमर, लंच बॉक्स, तलवार, करीब-करीब सिंगल जैसी फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए.
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