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दिल्ली की एक अदालत ने बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) के लिए जमानत की शर्तों में संशोधन किया है. जैकलीन 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपियों में से एक हैं. जेल में बंद 'कॉनमैन' सुकेश चंद्रशेखर इस मामले का मुख्य आरोपी है. अदालत ने जैकलीन को बिना पूर्व अनुमति के देश छोड़ने की इजाजत दे दी है, बशर्ते वह अपने प्रस्थान से तीन दिन पहले अदालत और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सूचित करें.
विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने माना कि जैकलीन की पेशेवर प्रतिबद्धताओं के कारण लगातार विदेश यात्रा करना जरूरी है. न्यायाधीश ने कहा कि जैकलीन ने कभी भी अपनी जमानत शर्तों का दुरुपयोग नहीं किया है और पूर्व अनुमति की बाध्यता उनके करियर के अवसरों में बाधा बन सकती है.
यह संशोधन जैकलीन के आवेदन के जवाब में आया है, जिसमें कहा गया था कि यात्रा के लिए अदालत की मंजूरी मांगने से अक्सर प्रक्रियाएं पूरी करने में समय लगता है, जिस कारण उन्हें वित्तीय नुकसान होता है और उनकी प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है.
ईडी ने हाल ही में मामले में उन्हें आरोपी के रूप में नामित करते हुए अपना दूसरा पूरक आरोपपत्र दायर किया था. जैकलीन और एक अन्य बॉलीवुड हस्ती नोरा फतेही ने मामले में गवाह के रूप में अपने बयान दर्ज कराए हैं. इससे पहले, जैकलीन की 7.2 करोड़ रुपये की संपत्ति और फिक्स डिपोजिट को ईडी ने जब्त कर लिया था और उन्हें मिले "उपहारों" और "संपत्तियों" को सुकेश चंद्रशेखर से हासिल अपराध की "आय" कहा था.
ईडी ने फरवरी में चंद्रशेखर की कथित सहयोगी पिंकी ईरानी के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था. पिंकी ने ही उन्हें सुकेश चंद्रशेखर से मिलवाया था. आरोपपत्र में आरोप लगाया गया था कि पिंकी जैकलीन के लिए महंगे उपहार चुनती थी और चंद्रशेखर उसका भुगतान करता था. पिंकी उपहार देने के बाद उन्हें उनके आवास तक पहुंचा देती थी.
दिसंबर 2021 में जांच एजेंसी ने इस मामले में पहली चार्जशीट दाखिल की थी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, चंद्रशेखर ने विभिन्न मॉडलों और बॉलीवुड हस्तियों पर लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. हालांकि, कुछ लोगों ने उससे उपहार लेने से इनकार कर दिया था.
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