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नसीरुद्दीन शाह ने अपने उस बयान पर सफाई पेश की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की हवा में जहर घुल चुका है और इस बात से उन्हें गुस्सा आता है.
नसीरुद्दीन शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘’मुझे गद्दार कहा जा रहा है, जबकि मैंने जो बात कही थी, वो एक चिंतित भारतीय होने के नाते कही थी. मैं बस अपनी फिक्र जाहिर कर रहा था. अपने देश के लिए, अपने घर के लिए, जिसे मैं प्यार करता हूं.’’
दरअसल नसीरुद्दीन शाह ने यूट्यूब पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा था, ‘'देश की हवा में जहर फैल चुका है, इस जिन्न को बोतल में बंद करना मुश्किल होगा. मुझे अपने बच्चों के लिए डर लगता है कि कभी कोई उनको कहीं रोक कर उनसे पूछने लगे कि बताओ, तुम हिंदू हो या मुस्लिम?'’
नसीरुद्दीन शाह के बयान के बाद यूपी नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी ने उनके लिए मुंबई से कराची तक का टिकट भेजा है. ये टिकट 14 अगस्त का है, जिस दिन पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस होता है.
2 मिनट 10 सेकेंड की इस वीडियो क्लिप में नसीरुद्दीन शाह ने कई बातें कही थी. उन्होंने हाल ही में हुए बुलंदशहर के दंगों को आधार बनाकर ये बातें कहीं, "कई जगहों पर एक गाय की मौत को ज्यादा अहमियत दी जाती है और एक पुलिस अफसर की मौत को कम.''
नसीरुद्दीन शाह ने ये भी कहा, '‘मैंने अपने बच्चों को मजहबी शिक्षा नहीं दी है, क्योंकि मेरा मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहबी शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है.’'
शाह ने वीडियो के अंत में ये भी जोड़ा, '‘मुझे ये हालात जल्दी सुधरते तो नजर नहीं आ रहे. मुझे ये सब देखकर डर नहीं लगता, गुस्सा आता है. हर सही सोच वाले इंसान को भी डर नहीं लगना चाहिए, गुस्सा आना चाहिए. ये हमारा घर है, यहां से हमें कोई नहीं निकाल सकता.’'
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