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बच्चन परिवार के लिए एक बार फिर पनामा पेपर्स (Panama Papers) वाला जिन्न बोतल से बाहर आ गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 20 दिसंबर को पनामा पेपर्स मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) से 5 घंटे से भी अधिक समय तक पूछताछ की. ईडी ने विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन के आरोप में 48 वर्षीय ऐश्वर्या राय को तलब किया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विदेश में संपत्ति रखने के आरोपों को लेकर ईडी ने ऐश्वर्या से पूछताछ की है. NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसे आरोप थे कि ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपना पैसा ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में स्थित एक कंपनी में रखा था.
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.
ईडी ने 2017 में कथित विदेशी मुद्रा उल्लंघन की जांच शुरू की थी. इसने बच्चन परिवार को नोटिस जारी कर भारतीय रिजर्व बैंक की Liberalised Remittance Scheme (एलआरएस) के तहत 2004 से उनके विदेशी प्रेषण का स्पष्टीकरण मांगा था.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने 5 घंटे की पूछताछ के दौरान ये सवाल किए
एमिक पार्टनर्स कंपनी के साथ आपका क्या संबंध है?
क्या आप उस लॉ फर्म को जानती हैं जहां मोसैक फोन्सेका ने कंपनी को पंजीकृत किया था?
इस कंपनी के डायरेक्टर्स में आप, आपके पिता कोटेडादिरमण राय कृष्ण राय, आपकी माता कविता राय और आपके भाई आदित्य राय शामिल हैं. आप इस बारे में क्या कह सकती हैं?
आप डायरेक्टर के रूप में अपने पद से शेयरहोल्डर क्यों बनी?
2008 में कंपनी निष्क्रिय क्यों हो गई?
क्या वित्तीय लेनदेन के लिए आरबीआई से अनुमति मांगी गई?
पनामा पेपर्स मामला 2016 में मीडिया में लीक हुए लाखों डॉक्यूमेंट्स की एक विस्तृत जांच है, जिसमें आरोप शामिल हैं कि दुनिया के अमीर और शक्तिशाली लोगों ने अपने देशों में टैक्स से बचने के लिए ऑफशोर एकाउंट्स या शेल कंपनियों को बनाया था.
पनामा पेपर्स में 300 से ज्यादा भारतीयों का नाम सामने आया था. इस पेपर लीक में अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन समेत कई भारतीय हस्तियों का नाम था. सभी लोगों पर टैक्स में हेराफेरी का आरोप लगाया गया था.
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