Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Bollywood Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जिस कोरियाई फिल्म की रीमेक है सलमान की ‘भारत’, वो वाकई ‘असली’ है

जिस कोरियाई फिल्म की रीमेक है सलमान की ‘भारत’, वो वाकई ‘असली’ है

फिल्म ‘भारत’ ‘ओड टू माय फादर’ जैसे सीन रिक्रिएट करने में असफल रही.

नंदकुमार राममोहन
बॉलीवुड
Updated:
कोरियन फिल्म ‘ओड टू माई फादर’ की रीमेक है ‘भारत’
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कोरियन फिल्म ‘ओड टू माई फादर’ की रीमेक है ‘भारत’
(फोटो: द क्विंट)

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सलमान खान की नई फिल्म 'भारत' बॅालीवुड की रीमेक फिल्मों की लिस्ट में जुड़ हो चुकी है. ये एक कोरियन फिल्म 'ओड टू माय फादर' की ऑफिशियल रीमेक है, जिसने बॅाक्स आफिस पर काफी धमाल मचाया था.

मैंने 'भारत' और 'ओड टू माय फादर' को देखने में साढ़े पांच घंटे लगाए. दोनों ही मेलोड्रामा से भरी हुई हैं. 'ओड टू माय फादर' इमोशनल करने वाली फिल्म है और इसमें वो कामयाब भी होती है. मैं ये तो नहीं कहूंगा कि ‘ओड टू माय फादर’ से मुझे मोहब्बत हो गई लेकिन हां इतना जरूर है कि मैं पहले आधे घंटे कैरेक्टर्स में खो गया.

ओड टू माय फादर के पोस्टर मेंं साऊथ कोरियन एक्टर ह्वांग जंग-मिनद क्विंट

दूसरी तरफ 'भारत' एक कन्फयूजड फिल्म है क्योंकि उसे भाई की फैन फॅालोइंग का भी खयाल रखना है. तो आपके पास एक सर्कस सीक्वेंस है, सलमान खान के कई स्लो-मो शॅाट्स हैं, एक रेगिस्तान में रोमांटिक नंबर है, देशभक्ति का जोश है और है ढेर सारा मेलोड्रामा. ऐसा लगता है कि स्क्रिप्ट किसी विशेष दिशा में जाना ही नहीं चाहती. यह आपको सब कुछ देना चाहती है, क्योंकि ये मसाला फिल्म है ना.

‘ओड टू माय फादर’ का लीड कैरेक्टर यून ड्योक-सो एक हीरो नहीं है, जो हर वक्त लोगों को बचाता रहता है.

‘ओड टू माय फादर’ में यून ड्योक-सो का कैरेक्टर यकीन दिलाता है कि वो कोई ताकतवर इंसान नहीं है जो सब कुछ कर सकता है. इसके बजाय वह कमजोर है.लेकिन सलमान खान का आभामंडल कभी कमजोर नहीं पड़ता. उसे हर बार सबको बचाना होता है. वह बेशक 70 साल के हो गए हों पर फिर भी वह 20 साल के युवक की तरह लोगों को पीट सकते हैं.

सलमान खान के साथ सुनील ग्रोवर जिन्होंने सलमान के बेस्ट फ्रेंड का रोल निभायासलमान खान फिल्म्स

कोरियन फिल्म में लीड कैरेक्टर खदान हादसे से बड़ी मुश्किल से बच पाता है, वो बाहर निकलता है तो उसकी हालत खराब होती है लेकिन इसी सीन के रीमेक में सलमान इतनी सही हालत में होते हैं कि दूसरे की मदद कर रहे होते हैं.जब खदान से बाहर आते हैं तो उनका तालियों से स्वागत किया जाता है. उन्हें कुछ नहीं होता बस थोड़ी सी धूल-मिट्टी लग जाती है.

सलमान हमेशा की तरह जीत ही जातें हैं. फिल्म में एक सीन है जहां वो अपने और अपने साथ काम कर रहे लोगों के लिए खाना मांगते हैं. वह हेड ऑफिसर के पास जाकर अपनी टूटी-फूटी इंग्लिश में रिक्वेस्ट डालतें हैं और ये क्या! बस हो गया.
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ह्वांग जंग-मिन और यूंजिन किम फिल्म के प्रमुख रोल मेंट्वीटर

'भारत' कुछ डेविएशन के साथ ऑरीजिनल फिल्म पर बेस्ड है. लेकिन इसमें कुछ ही ऐसे सीन हैं जो पूरी तरह कोरियन फिल्म की तरह हैं. भारत के मेकर्स ने सीन्स को कॅामेडी सीक्वेंस और गाने एड कर के लंबा खींच दिया है, जबकी इसकी कोई जरूरत नहीं थी. ऑरीजिनल फिल्म में खदान में काम चाहने वालों को फिजिकल टेस्ट देना होता है.

उसी सीन को भारत में कैसे बदल दिया गया, ये देखिए. टेस्ट के दौरान वजन देते वक्त सुनील ग्रोवर का अंडरवियर उड़ जाता है. सारे कैरेक्टर एक दूसरे का चेहरा देखने लगते हैं. फिर कैटरीना पंखा चालू करती हैं जिससे अंडरवियर वापस सुनील ग्रोवर के पास चला जाता है. यह हैरान करने वाली बात है कि राईटर्स कैसे इस तरह की चाजों को कॉमेडी मान सकते हैं.

एक और सीन है जिसमें सुनील ग्रोवर सलमान खान को बता रहे हैं कि कैटरीना का कैरेक्टर ना सिर्फ एक 'बोल्ड' महिला है बल्कि एक 'बोल्ड डोजर' भी है. मैंने घटिया जोक्स बहुत सुने हैं लेकिन ये तो हद ही हो गई.

‘ओड टू माय फादर’ ने एक्टिंग के मामले में काफी वाहवाही बटोरी. ह्वांग जंग-मिन ने बखूबी लीड रोल निभाया और उनके माता और भाई- बहनों का रोल निभाने वाले एक्टर्स भी पीछे नहीं थे. शुरुआत के सीन में 1950 में हुए हंगनाम विस्थापन के दौरान उनकी फैमिली का अलग होना फिल्म का सबसे अच्छा सीन है.
हंगनाम निकासी के दौरान फैमिली ट्वीटर

‘ओड टू माय फादर’ का लीड कैरेक्टर पहले भोला भाला होता है, फिर सबकी केयर करने वाला इंसान बन जाता है, लेकिन फिर भी उसमें थोड़ा कड़वापन होता है. कुल मिलाकर उम्र के साथ कैरेक्टर की सोच में पूरा बदलाव दिखाया गया है.

'भारत' में बढ़ती उम्र के साथ सलमान खान का सिर्फ लुक बदलता है. सिर्फ उनके बाल सफेद होते हैं, सोच नहीं बदलती. जब उन्होंने अपने कैरेक्टर को पूरी तरह जीया ही नहीं तो मैं क्यों परवाह करूं कि अब वो गुफा में फंस गए हैं और अब वो अपने पिता को मिस कर रहे हैं.

कैटरीना कैफ फिल्म में कुमुद रैना के किरदार  मेंट्वीटर
एक किरदार जो फिल्म में अच्छी तरह निभाया गया है वो है कुमुद रैना का. कैटरीना कैफ ने ये कुमुद का दबंग और आकर्षक महिला का किरदार अच्छे से किया है. घटिया स्क्रिप्ट और बेकार डायलॉग्स के साथ जितना इंसाफ  किया जा सकता था, उन्होंने किया. ये वही डायलॉग हैं जिनपर जमकर मीम बन रहे हैं.
कैटरीना कैफ और सलमान का फिल्म का एक सीनट्वीटर

'भारत' एक विकिपीडिया एंट्री की तरह है जहां इंडिया के बहुत से ऐतिहासिक स्थलों के बारे में दिखाया गया है. ये जानकारी आपको टाइम पीरियड के बारे में कोई आइडिया नहीं देगी. उन्होंने राज कपूर को सर्कस में तो शाहरुख खान और मनमोहन सिंह की इमेज को ये दर्शाने के लिए दिखाया है कि हम 90 के दशक में आ चुके हैं.

ऑरिजिनल कोरियन वर्जन में आप देख सकते हैं कि ज्यादा पैसे कमाने के लिए नायक को वियतनाम युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है. ये सेटिंग खुद ही टाइम और दौर को दर्शाती है और बेबसी की भावना पैदा करती है.

ओड टू माय फादर मेें वियतनाम युद्ध का सीनट्वीटर

'भारत' के एंड में मैंने महसूस किया कि सलमान खान का एक प्रोफेशन से दूसरे में जाना कितनी जल्दी बदलता रहता है. वह सर्कस आर्टिस्ट से कितनी जल्दी खदान में काम करने लग जाते हैं और फिर मर्चेंट नेवी ऑफिसर बन जाते हैं. बॉलीवुड फिल्मों में हमारे स्टार का हावी होना आम बात है और भारत भी कुछ अलग नहीं है. इनका मुख्य उद्देश्य हमें ये बताना है कि सलमान हर चीज में कितने अच्छे हो सकते हैं, जिसमें अच्छे व्यवहार का सबक देना भी शामिल है. उनका किरदार सर्कस में जॉब ये कहते हुए छोड़ देता है कि वह नहीं चाहते कि छोटे बच्चे उनका स्टंट करें. सलमान कहते हैं- मुझे प्यार करो लेकिन कॉपी मत करो, ओके?

'ओड टू माय फादर' भी देशभक्ति से भरपूर थी और मेलोड्रामा भी काफी था. लेकिन अगर आप इमोशनल मूवी एन्जॉय करते हैं, तो ‘भारत’ भी आपको पसंद आ सकती है

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Published: 06 Jun 2019,07:04 PM IST

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