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अक्षय खन्ना और ऋचा चड्ढा की आने वाली फिल्म ‘सेक्शन 375’ का ट्रेलर मंगलवार को रिलीज कर दिया गया है. जैसा की नाम से ही साफ है, इस फिल्म की कहानी इंडियन पीनल कोड यानी IPC की धारा 375 को लेकर एक केस के इर्द-गिर्द घूमती है. ट्रेलर देखकर पता चलता है कि फिल्म के 'कोर्ट रूम ड्रामा' के भरपूर सीन्स मौजूद हैं. ट्रेलर के कुछ डायलॉग्स बेहद दमदार हैं, जो फिल्म की संजीदगी को बखूबी बयां करते हैं. ये फिल्म 13 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. IPC की सेक्शन 375 में रेप से जुड़े नियम-कानूनों का जिक्र है.
2 मिनट 46 सेकंड के इस ट्रेलर की शुरुआत एक रेप विक्टिम से साथ पुलिस पूछताछ के सीन से होती है. इस सीन में दिखाया गया है कि पुलिस रेप विक्टिम से किस तरह के सवाल करती है और विक्टिम के साथ कैसे पेश आती है. फिल्म में अक्षय खन्ना एक मशहूर क्रिमिनल लॉयर के तौर पर दिखेंगे, जो आरोपी के वकील का किरदार निभा रहे हैं. वहीं ऋचा चड्ढा विक्टिम के वकील के किरदार में नजर आर रही है. कोर्ट में दोनों एक-दूसरे को जबरदस्त दलीलें देते नजर आ रहे है. फिल्म का डायरेक्शन अजय बहल ने किया है. फिल्म में अक्षय और ऋचा के साथ मीरा चोपड़ा और राहुल भट्ट अहम किरदार में हैं.
आईपीसी की धारा 375 के अंतर्गत बलात्कार यानी रेप को परिभाषित किया गया है. इसमें कहा गया है कि जब कोई पुरुष किसी महिला के साथ उसकी इच्छा के खिलाफ संभोग करता है, तो उसे बलात्कार कहते हैं. किसी भी कारण से संभोग की क्रिया पूरी हुई हो, कानूनन वो बलात्कार ही कहलाएगा. इस अपराध को अलग-अलग हालात और श्रेणी के हिसाब से धारा 375, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ के रूप में बांटा गया है.
परिभाषा
सेक्शन 375. बलात्कार - एक पुरुष को "बलात्कार" करने का दोषी माना जाएगा, जो निम्नलिखित छह में से किसी एक के तहत आने वाली परिस्थितियों में किसी महिला के साथ संभोग करता है -
पहला - उसकी मर्जी के खिलाफ
दूसरा - उसकी सहमति के बिना
तीसरा - उसकी सहमति से, जब उसकी सहमति उसे या उसके किसी परिचित व्यक्ति को डरा-धमकाकर हासिल की गई हो, जिसमें उसे अपने लिए या अपने परिचित के लिए मौत का डर हो, या आहत होने का डर हो.
चौथा - उसकी सहमति के साथ, जब वह पुरुष जानता है कि वह उसका पति नहीं है, और महिला की सहमति दी जाती है क्योंकि वह मानती है कि वह वही पुरुष है, जिसके साथ उसने कानूनन शादी की है.
पांचवा - उसकी सहमति के साथ, जब शराब या किसी नशीले पदार्थ की वजह से होश में नहीं होने पर उसके साथ संभोग किया गया हो.
छठवां - यदि महिला की उम्र 16 वर्ष से कम है तो उसकी सहमति या बिना सहमति से होने वाला संभोग भी बलात्कार की श्रेणी में ही आएगा.
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