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आज सुशांत सिंह राजपूत (Sushant singh Rajput) की पहली डेथ एनिवर्सिरी है. पिछले एक साल में सुशांत के बारे काफी कुछ कहा, देखा और सुना गया है. आइए जानते हैं पिछले 365 दिनों में मीडिया और न्यूज चैनलों ने सुशांत (SSR) की मौत को कैसे दिखाया है. क्या उनके लिए सुशांत की मौत एक तमाशा थी?…
क्या हो अगर एक दिन सुशांत सिंह राजपूत अपनी मौत के एक साल बाद अमेरिका के मशहूर जादूगर हैरी हुदनी की बेहतरीन मैजिक ट्रिक और स्टार कॉमेडियन एंडी कॉफमैन के सोशल एक्सपेरिमेंट परफॉर्मेंस की तरह वापस आ जाएं? बता दें कि हैरी हुदनी गायब होने वाली ट्रिक के लिए जाने जाते हैं. वहीं कॉफमैन ने अपनी फेक मौत के लिए दुनिया में सुर्खियां बटोरी थीं.
अलग-अलग इंटरव्यू, लेखों और मौत के बाद सुशांत के बारे में दिखाई गई रिपोर्टों के जरिए हम जानते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत तो चांस लेना काफी पंसद था. एक्टिंग के लिए मुंबई जाने और कुछ महीनों की बची हुई इंजीनियरिंग की पढ़ाई को छोड़ने जैसे उनके निर्णय को कुछ जोखिम भरा मानते हैं. हम यह भी जानते हैं कि सुशांत की योजनाओं में अंतरिक्ष की यात्रा भी थी. इसके अलावा उन्होंने महान वैज्ञानिक अब्दुल कलाम और रणनीतिकार चाणक्य जैसे नामों को लेकर 12 एपिसोड की महत्वाकांक्षी सीरीज बनाने की घोषणा भी की थी.
सुशांत हमेशा बड़ा सपना देखते थे. ऐसे में अगर वह एक बार फिर अपने शरीर में वापस आ जाते हैं तो यह एक बदला लेने जैसे हो सकता है. बदला उन दुष्ट चैनलों, केंद्र सरकार के निकायों और इंटरनेट के उन जासूसों से जिन्होंने पिछले 365 दिनों में बिना दिमाग और संवेदनहीनता के साथ उनके बारे में लिखा और छापा है.
सुशांत की मौत के कुछ घंटे बाद यदि हम #JusticeForSSR को फॉलो करें तो पाएंगे कि उसके आस-पास शर्मनाक तरीके की बातें कही गई थीं.
उस समय सोशल मीडिया में ये अटकलें तुरंत ही छा गई थीं कि बॉलीवुड एलीट्स द्वारा सुशांत को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया था. आनन-फानन में टीवी न्यूज चैनल लाइव फुटेज के लिए जबरन सुशांत सिंह राजपूत के घर में घुस गए थे और दुखी पिता की फुटेज प्रसारित करने लगे थे. वहीं दूसरी ओर कुछ दिनों तक सुशांत की लाश की तस्वीरें तेजी से ऑनलाइन प्रसारित होने लगी थीं. सुशांत की मौत के 24 घंटे के अंदर ही कंगना रनौत का एक वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सुशांत की मौत मूवी माफियाओं द्वारा किया गया एक प्लान्ड मर्डर है.
उस समय कोविड-19 के मामले बढ़ रहे थे, अर्थव्यवस्था चरमरा रही थी और चीन हमारी सीमाओं के अंदर घुस आया था. लेकिन भारतीय टीवी चैनलों ने इन मामलों में अपनी आंखें मूंद ली थीं और सुशांत पर अपनी नजरें जमा रखीं थीं. एक चैनल द्वारा सुशांत की “तड़पती आत्मा” से संवाद करने के लिए पैरानॉर्मल इंवेस्टिगेटर को बुलाया गया था.
जब सुशांत के परिवार ने बिहार में SSR की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के खिलाफ FIR दर्ज करवायी तब रिया के खिलाफ जांच करने वालों में सीबीआई, नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और ईडी भी शामिल हो गए. एक चैनल ने तो यह अनुमान भी लगाया कि बंगाली होने की वजह से रिया ब्लैक मैजिक एक्सपर्ट हो सकती है और वह सुशांत को मौत के लिए प्रोत्साहित कर सकती है.
अगर हम उन दिनों की रिपोर्टिंग, पत्रकारिता और चैनलों को देखते हैं तो हम पाएंगे कि जब तक प्राइम टाइम न्यूज को 2021 के बंगाल चुनाव और कोविड की दूसरी लहर की ओर आने को मजबूर नहीं किया गया तब तक सभी टीवी न्यूज चैनल सुशांत और उनकी मौत से जुड़ी खबरों से भरे रहते थे.
घंटों तक उनकी आत्महत्या के बारें में बातें होती थीं. उस समय ऐसा लगता था जैसे देश में कोई भी अन्य मुद्दा बचा ही नहीं है. मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े आत्महत्या के सीधे-साधे मामले में टीवी चैनलों ने घंटों समय लगाया और इसमें पब्लिक मनी भी लगाई गई. इसे देखकर ऐसा लगता है कि जैसे अब तक इस पूरे तमाशे में हम वॉरेन कमीशन की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं. बता दें कि वॉरेन कमीशन की रिपोर्ट अमेरिकी राष्ट्रपति केनेडी की हत्या पर आधारित थी.
ऐसा हो नहीं सकता लेकिन मैं ऐसी कल्पना करता हूं कि क्या हो अगर सुशांत सिंह राजपूत वापस आ जाएं. बॉलीवुड में सुशांत की पहली फिल्म काई पो चे (2013) का पहला सीन! क्रिकेट के प्रति जुनूनी उनके कैरेक्टर को टीवी पर एक मैच को एंजॉय करते हुए दिखाया गया है.
भारतीय न्यूज चैनलों में उनकी मौत के बाद क्या हुआ यह देखने के बाद सुशांत की क्या प्रतिक्रिया होगी?
ठीक उस तरह जैसे 2019 में आयी सुशांत की फिल्म सोन चिरैया में खून से लथपथ चंबल के ऊपर गिद्ध मंडरा रहे थे. पूरा देश एक जज, जूरी और जल्लाद की भूमिका निभाते हुए उनकी लाश पर टूट पड़ा था.
इस पूरी प्रक्रिया में हम सुशांत सिंह राजपूत के बारे में क्या भूल गए, एक ऐसा नाम जिसको सोचते ही हमें ओजे सिम्पसन मर्डर ट्रायल या क्लिंटन-लुइस्की स्कैंडल की भयावह घटना याद आ जाती है.
हम यह भूल जाते हैं कि बॉलीवुड के एक बड़े फैन वर्ग द्वारा SSR को दूसरे SRK यानी शाहरुख खान के तौर पर देखा जाता था. फैन्स ने SRK और SSR की समानताओं को देखा तो पाया कि दोनों ही मुंबई के बाहर से आए और टीवी के माध्यम से फिल्मों में जगह बनाई.
सुशांत को श्यामक डावर द्वारा ट्रेनिंग मिली थी. वह अच्छे डांसर थे, जो अक्सर बॉलीवुड अवॉर्ड शो और लाइव परफॉर्मेंस के दौरान बड़े-बड़े बॉलीवुड सितारों के पीछे रहते थे. बैरी जॉन के स्टूडेंट के तौर पर सुशांत सिंह राजपूत भी शाहरुख की तरह इंट्रेस्टिंग फिल्मों का चयन करते थे.
काई पो चे! में सुशांत का डेब्यू एक्टर्स की टुकड़ी के साथ हुआ था. उनके ट्रैक में रोमांटिक इंट्रेस्ट भी नहीं था. अंत में उनकी मौत भी हो जाती है. अगली फिल्म शुद्ध देशी रोमांस में सुशांत कंफ्यूज्ड कैरेक्टर में दिखते हैं, इस रोमांटिक कॉमेडी में वो दो हिरोइन के साथ डील करते हुए नजर आते हैं. इसमें उनका इमोशन देखने को मिलता है. कुछ साल बाद सुशांत ने दिबाकर बनर्जी की फिल्म में ब्योमकेश बख्शी का किरदार निभाया था. इसमें सुशांत क्लासिक बंगाली की तरह खोजी कैरेक्टर में थे.
एक समय पर सुशांत शेखर कपूर और आनंद गांधी जैसे स्वतंत्र दिमाग वाले डायरेक्टर्स के प्रोजेक्ट्स में जुड़े थे. सोन चिरैया जितनी ही रिस्की थी उतनी ही शानदार रही. यह सुशांत की लेफ्ट फील्ड च्वॉइस को दर्शाती है. वहीं महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक में धोनी का सिग्नेचर हेलीकॉप्टर शॉट लगाना सुशांत की रोल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ऐसे में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन के एक साल बाद यहां एक उम्मीद है कि हम सुशांत को उनकी फिल्मों खोजेंगे न कि उनकी राख या भस्म में.
(लेखक फिल्म, म्यूजिक और कल्चर के स्वतंत्र पत्रकार हैं. आप इनसे @devarsighosh पर जुड़ सकते हैं. यह एक विचार आधारित लेख है, जो लेखक के व्यक्तिगत विचार है. क्विंट न तो इसका समर्थन करता है न ही इसके लिए जिम्मेदार है.)
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